कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क।प्रयागराज में आयोजित होने वाले कुंभ मेला 2025 में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता दी है। मेला क्षेत्र में स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए व्यापक कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि हर श्रद्धालु को समय पर चिकित्सा सहायता मिल सके। स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए अस्थायी अस्पतालों का निर्माण किया जा रहा है, साथ ही विभिन्न उपायों को लागू किया जा रहा है ताकि मेले में आने वाले हर व्यक्ति का स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित किया जा सके।
मुख्य पहलुओं पर ध्यान:
1. अस्थायी अस्पतालों का निर्माण:
कुंभ मेले के विशाल आयोजन में श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा करने के लिए अस्थायी अस्पतालों का निर्माण किया जा रहा है। इन अस्पतालों में अनुभवी डॉक्टर, नर्स, और चिकित्सा कर्मचारी तैनात रहेंगे। अस्पतालों को प्रमुख स्नान घाटों के पास और अन्य व्यस्त स्थानों के नजदीक स्थापित किया जाएगा, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में तत्काल उपचार संभव हो सके। इन अस्थायी अस्पतालों में प्राथमिक उपचार से लेकर गंभीर बीमारियों और दुर्घटनाओं के लिए विशेषज्ञ सेवाएं उपलब्ध रहेंगी।
2. इमरजेंसी चिकित्सा सेवाएं और एम्बुलेंस:
पूरे मेला क्षेत्र में इमरजेंसी चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए एम्बुलेंस की विशेष व्यवस्था की जाएगी। हर प्रमुख स्नान घाट पर त्वरित चिकित्सा सहायता के लिए एम्बुलेंस तैनात की जाएगी, और किसी भी गंभीर स्थिति में श्रद्धालुओं को अस्पतालों तक पहुंचाने के लिए त्वरित प्रणाली विकसित की जाएगी।
3. स्वास्थ्य परीक्षण और प्राथमिक चिकित्सा केंद्र:
मेला क्षेत्र में घूमते समय श्रद्धालुओं को किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या का सामना न करना पड़े, इसके लिए प्राथमिक चिकित्सा केंद्र और स्वास्थ्य परीक्षण कक्ष स्थापित किए जाएंगे। यहां श्रद्धालु बुखार, सर्दी, खांसी, आंखों में जलन या अन्य सामान्य बीमारियों का इलाज करवा सकेंगे। इसके साथ ही, रक्तदाब, शुगर आदि की जांच भी की जाएगी।
4. पानी और स्वच्छता की व्यवस्था:
मेला क्षेत्र में स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए जल और स्वच्छता संबंधी विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। खराब पानी से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए जगह-जगह पानी की गुणवत्ता की जांच की जाएगी, और स्वच्छ जल उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही, शौचालयों की संख्या बढ़ाई जाएगी, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न हो।
5. कोविड-19 और अन्य महामारी से बचाव के उपाय:
कुंभ मेला 2025 में महामारी के प्रसार को रोकने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। कोविड-19 जैसी बीमारियों से बचाव के लिए स्क्रीनिंग, मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे उपायों को लागू किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष रणनीतियां बनाई हैं, ताकि कुंभ मेला एक सुरक्षित और स्वस्थ आयोजन बन सके।
6. दवाइयों की आपूर्ति और मेडिकल उपकरण:
मेला क्षेत्र में दवाइयों और आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। अस्थायी अस्पतालों और प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों में आवश्यक दवाइयां और चिकित्सा उपकरण पहले से ही स्टॉक किए जाएंगे, ताकि किसी भी स्थिति में उपचार में कोई रुकावट न आए।
7. मानव तस्करी और मानसिक स्वास्थ्य सहायता:
कुंभ मेला में मानसिक स्वास्थ्य के मामलों और मानव तस्करी के खिलाफ भी जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे। मनोवैज्ञानिक सेवाओं और काउंसलिंग की व्यवस्था की जाएगी, ताकि मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का समाधान किया जा सके। इसके अलावा, मेले में अनाथ या गुमशुदा श्रद्धालुओं को सुरक्षित घर वापस भेजने के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग के सहयोग और योजना:
उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, और विभिन्न चिकित्सा संगठनों के साथ मिलकर स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन में जुटा है। विभाग की योजना है कि मेला क्षेत्र में किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत प्रभावी कदम उठाए जा सकें। इसके लिए एक समर्पित कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा, जिससे सभी स्वास्थ्य गतिविधियों की निगरानी की जा सके।
श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य जागरूकता अभियान:
स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन विभिन्न जागरूकता अभियान चलाएंगे। इन अभियानों में मुख्य रूप से जलजनित बीमारियों, स्वच्छता, खानपान और कोविड-19 से बचाव के उपायों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्रदान करने के लिए पोस्टर्स, पम्पलेट्स, और डिजिटल प्लेटफॉर्म का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
कुंभ मेला 2025 का आयोजन अब तक का सबसे बड़े स्वास्थ्य प्रबंधन प्रयासों में से एक साबित हो सकता है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी तैयारियां की हैं कि इस महान धार्मिक आयोजन में किसी भी श्रद्धालु को स्वास्थ्य संबंधी कोई भी कठिनाई न हो और हर श्रद्धालु को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें।