कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के कारण भारत ने अपनी सीमाओं पर सुरक्षा उपायों को मजबूत करने का निर्णय लिया है। भारतीय सेना और सीमा सुरक्षा बलों को अधिक चौकस रहने की सलाह दी गई है, और विशेष रूप से उत्तर-पूर्वी क्षेत्र और लद्दाख जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की तैनाती को बढ़ाया गया है। इसके अलावा, सीमा पर निगरानी बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीकी उपकरणों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
सुरक्षा उपायों में बदलाव: भारत ने सीमा पर गश्त बढ़ाने के साथ-साथ उच्च सुरक्षा उपायों को लागू किया है, जिसमें रडार, ड्रोन निगरानी, और सैटेलाइट इमेजरी जैसी तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। भारतीय सेना ने सीमा पर तैनात सैनिकों के लिए अतिरिक्त संसाधन और उपकरणों की आपूर्ति भी सुनिश्चित की है ताकि वे किसी भी स्थिति का त्वरित और प्रभावी ढंग से सामना कर सकें।
चीन के साथ तनाव की पृष्ठभूमि: चीन के साथ सीमा विवाद ने हाल के वर्षों में तनाव को बढ़ा दिया है। खासकर 2020 में गलवान घाटी संघर्ष के बाद से दोनों देशों के बीच स्थिति और अधिक जटिल हो गई है। इसके बाद से दोनों देशों ने अपनी-अपनी सीमाओं पर सैन्य तैनाती बढ़ाई है। चीन द्वारा तिब्बत और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने के कारण भारत ने भी अपनी सुरक्षा तैयारियों को सख्त किया है।
भारत का निर्णय: भारत ने अपनी सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय इसलिए लिया है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रत्याशित स्थिति का सामना किया जा सके। भारतीय सरकार और सेना का कहना है कि वह अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। सीमा पर सैन्य तैनाती के अलावा, भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर अपनी स्थिति को स्पष्ट किया है।
आत्मनिर्भर सुरक्षा: भारत की ओर से इस कदम को आत्मनिर्भर सुरक्षा के रूप में भी देखा जा रहा है। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए भारत ने पिछले कुछ सालों में कई योजनाओं को लागू किया है, जैसे कि स्वदेशी हथियारों और उपकरणों का उत्पादन बढ़ाना। भारत सरकार का उद्देश्य चीन के साथ सीमा पर और अन्य क्षेत्रीय सुरक्षा संबंधी मामलों में अपनी संप्रभुता को मजबूती से बनाए रखना है।
निरंतर निगरानी: भारत की ओर से सीमा पर बढ़ाई गई सुरक्षा के तहत, लगातार निगरानी और वास्तविक समय पर सूचनाओं का आदान-प्रदान सुनिश्चित किया जा रहा है, ताकि किसी भी प्रकार के सुरक्षा खतरे का सामना किया जा सके। सीमा पर तैनात सैनिकों को पूरी तरह से सुसज्जित किया गया है और उन्हें उच्चतम स्तर की प्रशिक्षण देने का काम भी जारी है। भारत ने अपनी सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ाकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिससे वह अपनी संप्रभुता की रक्षा करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अपनी सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की कोताही बरतने के बजाय पूरी सतर्कता से चीन के साथ चल रहे तनाव को संभालने में जुटा हुआ है।