कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क।दिल्ली विधानसभा चुनाव 2024 में भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच तीव्र और दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है। पिछले चुनावों में आप ने अपनी बहुमत वाली सरकार बनाई थी, जबकि भाजपा ने दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया था। इस बार, भाजपा और आप दोनों ही सत्ता में आने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं, जबकि कांग्रेस भी अपनी खोई हुई जमीन को फिर से पाने की कोशिश कर रही है।
भा.ज.पा. (BJP):
भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए चुनावी रणनीतियों में बदलाव किया है। पार्टी ने दिल्ली में केजरीवाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए मुद्दों को हवा दी है जैसे कि, कानून व्यवस्था, प्रदूषण, और दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई योजनाओं के लिए राज्य सरकार का विरोध। भाजपा ने दिल्ली के लिए अपने कई बड़े नेता जैसे मनोज तिवारी और हंसराज हंस को सक्रिय किया है।
आम आदमी पार्टी (AAP):
दिल्ली में आम आदमी पार्टी का ध्यान अपनी सरकार द्वारा किए गए कार्यों को प्रचारित करने पर है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शिक्षा, स्वास्थ्य, और बिजली पानी जैसी सुविधाओं को मुख्य मुद्दे बना दिया है। आप ने दिल्लीवासियों को यह आश्वासन दिया है कि उनकी पार्टी को सत्ता में लाकर सरकार की योजनाओं को और भी बेहतर किया जाएगा।
कांग्रेस (Congress):
कांग्रेस दिल्ली में अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। पार्टी के नेताओं ने दावा किया है कि दिल्ली में भाजपा और आप दोनों ने लोगों को निराश किया है, और कांग्रेस ही इस स्थिति से उबारने वाली पार्टी है। कांग्रेस अपनी पुरानी नीतियों को सामने लाकर दिल्ली की जनता को आकर्षित करने का प्रयास कर रही है।
मुकाबला:
इस बार के चुनाव में भाजपा, आप और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखी जा रही है। भाजपा और आप की स्थिति मजबूत है, लेकिन कांग्रेस भी अपनी ओर से कड़ी चुनौती पेश कर रही है। इन तीनों पार्टियों के बीच चुनावी रणनीतियां, उम्मीदवारों की पसंद और जनता के बीच उम्मीदें चुनाव परिणामों को प्रभावित करेंगी।
दिल्ली विधानसभा चुनावों में हर पार्टी की जीत के लिए रणनीति और मुद्दे अहम रहेंगे, और चुनाव नतीजे दिल्ली की राजनीतिक दिशा को तय करेंगे।