कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क।1 जनवरी 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “स्वच्छता अभियान 2025” की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य भारत को पूरी तरह से स्वच्छ और गंदगी मुक्त बनाने की दिशा में एक नई छलांग लगाना है। इस अभियान के तहत सरकारी और गैर-सरकारी प्रयासों को एकजुट कर भारत में स्वच्छता के मानकों को और अधिक सख्त करने, कचरे का पुनर्चक्रण (recycling), जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए हरित प्रौद्योगिकियों का प्रोत्साहन, और गंदगी और कचरे से जुड़ी सामाजिक-आर्थिक समस्याओं का समाधान करना है।
प्रधानमंत्री ने इस अभियान का औपचारिक रूप से शुभारंभ करते हुए कहा, “स्वच्छता केवल एक अभियान नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है, और यह हर भारतीय की जिम्मेदारी है कि वे अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखें। स्वच्छता का सीधा संबंध हमारे स्वास्थ्य, पर्यावरण और आर्थिक विकास से है।”
अभियान के प्रमुख उद्देश्य:
1. हर घर को स्वच्छ बनाए रखना:
इस अभियान का मुख्य लक्ष्य हर भारतीय के घर और गांव को स्वच्छ बनाना है। इसके तहत, ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में कचरा प्रबंधन, जलापूर्ति और स्वच्छ शौचालय सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।
2. कचरे का पुनर्चक्रण और निपटान:
प्रधानमंत्री ने कचरे के सही तरीके से निपटान और पुनर्चक्रण की महत्ता पर जोर दिया। नए अभियान के तहत प्लास्टिक, इलेक्ट्रॉनिक कचरा और अन्य अपशिष्टों का सही तरीके से निपटान करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार मिलकर नई नीतियां लागू करेंगी। साथ ही, बायोडिग्रेडेबल और जैविक कचरे का पुनर्चक्रण बढ़ाया जाएगा।
3. शहरी स्वच्छता को सुधारना:
देशभर के शहरी क्षेत्रों में कचरे की सड़कों पर फैली बड़ी मात्रा को नियंत्रित करने के लिए इस अभियान में स्मार्ट कचरा प्रबंधन प्रणालियों, शहरी अपशिष्ट प्रसंस्करण और स्वच्छता के लिए सार्वजनिक जगहों पर मॉनीटरिंग सिस्टम स्थापित किए जाएंगे।
4. स्वच्छता जागरूकता और शिक्षा:
प्रधानमंत्री ने स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक मंचों के माध्यम से स्वच्छता पर जागरूकता फैलाने की बात की। बच्चों और युवा पीढ़ी को इसमें शामिल करने के लिए विशेष कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है।
5. स्थानीय निकायों का सशक्तिकरण:
स्थानीय निकायों को स्वच्छता अभियान में सक्रिय रूप से शामिल किया जाएगा। साथ ही, उन नगर निगमों और नगर पंचायतों को पुरस्कार दिए जाएंगे जो स्वच्छता के उच्चतम मानकों को अपनाएंगे और उनके परिणाम उत्कृष्ट होंगे।
नवीनतम प्रौद्योगिकियों का प्रयोग:
इस अभियान में पर्यावरणीय लाभ को अधिकतम करने के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकियों का भी समावेश किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अपशिष्ट निपटान के लिए नई-नई प्रौद्योगिकियों जैसे प्लास्टिक अपशिष्ट का रीसाइक्लिंग, जैविक कचरे से बायोगैस उत्पादन, और ऊर्जा निर्माण जैसी तकनीकों का प्रयोग किया जाएगा। इसके अलावा, स्वच्छता से जुड़े सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई योजनाओं की घोषणा की है।
सरकार की रणनीतियां:
1. स्वच्छता से जुड़े वित्तीय उपाय:
स्वच्छता अभियान के तहत, सरकार ने स्वच्छता इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश को बढ़ाने के लिए 50,000 करोड़ रुपये के निवेश पैकेज की घोषणा की है। इसमें कचरा प्रबंधन, शहरी जल आपूर्ति, और स्वच्छ शौचालय की सुविधाओं का विस्तार करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
2. शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में साझा प्रयास:
इस अभियान के तहत शहरों और गांवों में सफाई कर्मचारियों के लिए बेहतर कामकाजी परिस्थितियां सुनिश्चित करने के अलावा, उन्हें प्रशिक्षण और कार्यस्थल सुरक्षा के लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा।
अभियान की शुरुआत पर प्रधानमंत्री का संदेश:
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि स्वच्छता का काम केवल सरकार का नहीं, बल्कि पूरे समाज का है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे अपने आसपास सफाई बनाए रखें, साथ ही इस अभियान को एक सामाजिक आंदोलन में बदलने के लिए हर व्यक्ति को इसमें सक्रिय रूप से शामिल करें।
स्वच्छता के दीर्घकालिक प्रभाव:
इस अभियान का दीर्घकालिक उद्देश्य न केवल भारत को साफ-सुथरा बनाना है, बल्कि इसके साथ-साथ लोगों के स्वास्थ्य में सुधार करना, पर्यावरण संरक्षण करना और एक समृद्ध और विकसित समाज की ओर अग्रसर होना है। स्वच्छ भारत का सपना पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री ने नागरिकों से हर संभव सहयोग की अपील की।
स्वच्छता अभियान 2025 के तहत उठाए गए कदम देश की समग्र स्वच्छता संस्कृति को एक नया रूप देने के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। यह एक सामूहिक प्रयास होगा जिसमें हर व्यक्ति की भागीदारी जरूरी होगी।