डिजिटल ब्यूरो, कैनविज टाइम्स। देश की अर्थव्यवस्था किस दिशा में जा रही है और मौजूदा वित्तमंत्री की कार्यशैली कैसी है, इन सवालों पर कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने प्रेसवार्ता के दौरान चर्चा की। चिदंबरम से पूछा गया कि लोकसभा चुनाव तक सरकार क्या कदम उठाएगी जिससे अर्थव्यवस्था पटरी पर आए। इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर मैं एनडीए सरकार में वित्त मंत्री होता तो इस्तीफा दे देता। उनके अनुसार, मोदी सरकार के कार्यकाल में नोटबंदी और जीएसटी जैसे फैसले देश की अर्थव्यवस्था पर आपदा के समान थे।
एआईसीसी दफ्तर में शुक्रवार को हुई प्रेसवार्ता में चिदंबरम ने कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में देश की सबसे उच्चतम विकास दर देखी गई, जबकि मोदी सरकार में अर्थव्यवस्था लगभग पंगु हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार झूठ बोलने में लगी हुई है और यह स्पष्ट किया कि यदि साढ़े चार साल में सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर नहीं ला सकी, तो अब बाकी बचे 60 दिनों में क्या बदल जाएगा। चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपने घोषणा पत्र में देश की अर्थव्यवस्था और अन्य क्षेत्रों में विकास के लिए योजनाएं शामिल कर रही है।
राफेल मुद्दे पर चिदंबरम ने कहा कि सरकार कभी भी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन को लेकर गंभीर नहीं रही। वह मानते हैं कि पिछले सत्र में जेपीसी का गठन हो सकता था और राफेल मामले की जांच मार्च तक पूरी हो सकती थी, लेकिन सरकार राफेल को लेकर डरती है।