कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। प्रशांत किशोर, जो एक प्रमुख चुनावी रणनीतिकार हैं, इन दिनों एक नई मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं। उन्हें अपनी रणनीतियों और कार्यशैली के कारण हमेशा सुर्खियों में रहते हैं, लेकिन इस बार उनका सामना एक बड़ी समस्या से हो रहा है। हाल ही में, प्रशांत किशोर एक सामाजिक मुद्दे को लेकर अनशन पर बैठे थे, और इस अनशन को लेकर पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, प्रशांत किशोर ने अपने अनशन के दौरान एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और सामाजिक मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की थी। उनका अनशन कई दिनों तक जारी रहा, लेकिन इस दौरान उनकी सेहत को लेकर चिंताएँ बढ़ने लगीं। इसी बीच, स्थानीय पुलिस ने उनकी स्थिति को देखते हुए अनशन तुड़वाने के लिए हस्तक्षेप किया और उन्हें जबरदस्ती उठाया।
पुलिस की कार्रवाई ने प्रशांत किशोर को एक नई चुनौती दी है, क्योंकि उनके समर्थक इसे उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हमला मान रहे हैं। हालांकि, पुलिस ने इस कदम को सार्वजनिक सुरक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी जरूरी कार्रवाई के रूप में पेश किया है।
पुलिस ने टेंट लगाने से मना किया
वहां टेंट लगाने के काफी सामान रखे हुए थे। पुलिस ने वहां मौजूद लोगों को टेंट लगाने से मना कर दिया। थाना पुलिस की मानें तो बैगर किसी सूचना के टेंट लगाया जा रहा था।
जिस बिहार में गांधी ने चंपारण सत्याग्रह किया उस बिहार में प्रशांत किशोर के आमरण अनशन से प्रदेश सरकार क्यों घबरा गई है? निजी जमीन पर बन रहे कैम्प का काम भी भारी पुलिस बल भेजकर रोका जा रहा है। pic.twitter.com/bhVGc5we0H