कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। बिहार सरकार ने भूमि लगान (जमीन किराया) में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए एक नया आदेश जारी किया है, जिससे जमीन मालिकों को राहत मिली है। इस आदेश के तहत, राज्य में चल रहे भूमि सर्वेक्षण के बाद, जमीन की प्रकृति और लगान की दरों का पुनर्निर्धारण किया जाएगा। इस प्रक्रिया के पूरा होने से, जमीन मालिकों को उनके भूमि उपयोग के अनुसार उचित और न्यायसंगत लगान दरें मिलेंगी।
इस कदम से, सरकार का उद्देश्य भूमि विवादों को कम करना और भूमि उपयोग की पारदर्शिता बढ़ाना है। साथ ही, यह सुनिश्चित करना है कि जमीन मालिकों को उनके भूमि उपयोग के अनुसार उचित कराधान मिले। इससे पहले, भूमि की प्रकृति और लगान दरों में अस्पष्टता और भिन्नताएं थीं, जिससे कई बार विवाद उत्पन्न होते थे।
नए आदेश के तहत, भूमि की पहचान और प्रकृति का पुनर्निर्धारण किया जाएगा, जिससे यह स्पष्ट होगा कि कौन-सी भूमि गैर-मजरुआ खास है और कौन-सी गैर-मजरुआ आम। इसके अलावा, पुश्तैनी या रैयती भूमि के संबंध में भी सरकार नया निर्णय ले सकती है। इससे भूमि मालिकों को उनके भूमि उपयोग के अनुसार उचित लगान दरें मिलेंगी, जिससे उन्हें आर्थिक राहत मिलेगी।