कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क।मौनी अमावस्या, जो 2024 में 9 फरवरी को पड़ रही है, एक विशेष और अत्यंत शुभ दिन है। इस दिन को विशेष रूप से शांतिपूर्ण साधना, ध्यान और शिव पूजा के लिए माना जाता है। इसे भारतीय पंचांग के अनुसार अमावस्या तिथि के अंतर्गत आने वाली सबसे महत्वपूर्ण अमावस्या कहा जाता है। इस दिन विशेष रूप से मौन रहकर ध्यान और पूजा की जाती है ताकि मन को शांति और संतुलन मिले।
मौनी अमावस्या पर शिव पूजा और शिव जी की आरती का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन शिव जी की पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक शांति आती है। इसके अलावा, यह दिन नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति और जीवन में आ रही बाधाओं को दूर करने का भी उत्तम समय माना जाता है।
शिव आरती
मौनी अमावस्या के दिन यदि शिव जी की आरती “जय शिव ओंकारा” गाई जाए तो इससे व्यक्ति की सभी बाधाएँ दूर होती हैं। इस आरती का पाठ करने से मानसिक शांति मिलती है और हर प्रकार की परेशानियों से मुक्ति मिलती है। आरती का पाठ विधिपूर्वक और श्रद्धा के साथ करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में समृद्धि आती है।
शिव आरती का पाठ इस प्रकार है:
जय शिव ओंकारा, हर हर महादेव।
जय शिव ओंकारा, हर हर महादेव।
गंगाधर, पिनाकी, त्रिपुरारी महादेव।
जय शिव ओंकारा, हर हर महादेव।
नाथ महेश्वर, शिवशंकर महादेव।
जय शिव ओंकारा, हर हर महादेव।
इस आरती का जाप करते समय भक्तगण मानसिक शांति और ध्यान में लीन रहते हैं। यह दिन हर भक्त के लिए आंतरिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति का अद्भुत अवसर है।
विशेष उपाय और पूजा विधि:
1. नदी स्नान: इस दिन नदी में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-शांति का वास होता है।
2. व्रत और उपवास: शिव जी के प्रति भक्ति बढ़ाने के लिए व्रत रखना और उपवास करना विशेष रूप से लाभकारी होता है।
3. ध्यान और मंत्र जाप: मौनी अमावस्या पर दिनभर मौन रहकर शिव मंत्रों का जाप करने से मानसिक शांति मिलती है।
4. पानी में दीपक बहाना: इस दिन पवित्र नदी या जल स्रोत में दीपक बहाना भी एक बहुत ही प्रभावी उपाय माना जाता है, जिससे हर प्रकार की बुरी शक्तियाँ दूर होती हैं।