कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। उत्तर प्रदेश के संभल जिले के थाना नखासा क्षेत्र स्थित रायसत्ती चौकी में पुलिस हिरासत में एक 45 वर्षीय मजदूर इरफान की मौत हो गई। परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने इरफान को न केवल बुरी तरह से टॉर्चर किया, बल्कि बीमार होने के बावजूद उसे दवा तक नहीं दी। इरफान की पत्नी और बेटे ने इस मामले में चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
परिवार का कहना है कि जब इरफान की तबीयत बिगड़ी, तो पुलिस ने उसे प्राथमिक उपचार देने के बजाय जबरन चौकी में लाकर टॉर्चर किया, जिससे उसकी हालत और बिगड़ गई और अंततः उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद स्थानीय पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिससे पूरे मामले में विवाद बढ़ गया है।
अखिलेश यादव का कड़ा बयान:
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर यूपी सरकार की निंदा की और इसे सरकार की नाकामी करार दिया। उन्होंने कहा कि यह घटना सरकार की लापरवाही और पुलिस की बर्बरता को दर्शाती है। अखिलेश यादव ने मांग की कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
सियासी बवाल:
अखिलेश यादव के बयान के बाद सियासत में फिर से उबाल आ गया है। विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है और राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। वहीं, भाजपा और सरकार के समर्थक इसे एक मामले के रूप में देख रहे हैं और इसे अधिक तूल न देने की अपील कर रहे हैं।