कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। दिल्ली, जो कि देश की राजधानी है, हमेशा से ही चुनावों में एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। यहाँ पर आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में कुल 70 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा। दिल्ली का चुनावी प्रोफाइल बहुत दिलचस्प है, क्योंकि यहाँ पर हर चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलता है।
1. कुल वोटर और निर्वाचन क्षेत्र
दिल्ली में इस बार 1 करोड़ 55 लाख से अधिक मतदाता हैं, जो इस चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इस विशाल मतदाता संख्या को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन आयोग ने चुनाव की सभी तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। दिल्ली में कुल 70 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से अधिकांश सीटें शहरी क्षेत्र में हैं, जहां जनसंख्या घनत्व अधिक है। दिल्ली के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न जातीय, धार्मिक और आर्थिक पृष्ठभूमि के लोग निवास करते हैं, जिससे चुनावी मुकाबला और भी दिलचस्प बन जाता है।
2. मुख्य राजनीतिक दलों के बीच त्रिकोणीय मुकाबला
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आमतौर पर आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होता है।
- आम आदमी पार्टी (AAP), जो पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली में अपनी मजबूत उपस्थिति बना चुकी है, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में चुनावी मैदान में है। उनकी सरकार ने कई कल्याणकारी योजनाओं जैसे मुफ़्त बिजली, पानी और शिक्षा में सुधार के वादे किए हैं, जो दिल्ली के मतदाताओं को आकर्षित करते हैं।
- भारतीय जनता पार्टी (BJP), जो दिल्ली में केंद्र की सत्ता में है, अपनी राष्ट्रीय पहचान और दिल्ली के विकास में योगदान को प्रमुख मुद्दे के रूप में प्रस्तुत करती है। भाजपा के उम्मीदवार दिल्ली में विकास और कानून-व्यवस्था को लेकर चुनावी रणनीतियाँ बना रहे हैं।
- कांग्रेस, जो दिल्ली की राजनीति में लंबे समय तक प्रमुख दल रही है, अब अपनी खोई हुई जमीन वापस प्राप्त करने के लिए संघर्ष कर रही है। कांग्रेस पार्टी ने विभिन्न चुनावी मुद्दों पर जोर दिया है, जैसे रोजगार, आर्थिक सुधार और सामाजिक न्याय।
3. चुनावी मुद्दे
दिल्ली विधानसभा चुनाव में कुछ मुख्य मुद्दे सामने आ सकते हैं:
- विकास और बुनियादी ढाँचा: दिल्ली में बेहतर सड़कों, पानी की आपूर्ति, स्वच्छता, और स्वास्थ्य सेवाओं की मांग हमेशा से रही है।
- शिक्षा और स्वास्थ्य: आम आदमी पार्टी द्वारा पेश किए गए शिक्षा और स्वास्थ्य के सुधारों ने दिल्ली के निवासियों में एक मजबूत समर्थन प्राप्त किया है।
- राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून व्यवस्था: भाजपा ने हमेशा दिल्ली में कानून व्यवस्था को बनाए रखने की अपनी भूमिका को प्रमुख रूप से पेश किया है।
- महंगाई और रोजगार: कांग्रेस और अन्य दल महंगाई, रोजगार और आर्थिक असमानता जैसे मुद्दों पर बात करेंगे, जो विशेष रूप से युवाओं के बीच लोकप्रिय हैं।
4. मतदाता आधार और उम्मीदवारों का चयन
दिल्ली में विभिन्न जाति, धर्म, और क्षेत्रीय आधार पर मतदाता हैं, जो चुनावी परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं। यहां की राजनीतिक संस्कृति में युवाओं, महिलाएं, और शहरी जनसंख्या प्रमुख रूप से वोट देती है। उम्मीदवारों का चयन इन सामाजिक और क्षेत्रीय समीकरणों के आधार पर किया जाता है, जो पार्टियों को मजबूत बढ़त दिला सकता है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद, राजनीतिक परिणाम दिल्ली की आगामी राजनीति का स्वरूप तय करेंगे। यह न केवल दिल्ली के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत होगा कि देश की राजधानी में किस पार्टी की राजनीति प्रमुख रहेगी। आखिरकार, दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 का मुकाबला बहुत ही दिलचस्प और प्रतिस्पर्धात्मक होने की संभावना है, और इसमें जनता का वोट ही अंतिम निर्णय करेगा।