Search News

Maha Kumbh 2025: शंकर महादेवन के चलो कुंभ चलें, गीत पर झूम उठे संगीत प्रेमी, मैथिली ने भी जमाया रंग

कुम्भ
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kanwhizz Times
  • Updated: January 17, 2025

कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। महाकुंभ 2025 के उत्सव में संगीत और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिला, जब प्रसिद्ध गायक शंकर महादेवन ने "चलो कुंभ चलें" गीत प्रस्तुत किया। यह गीत महाकुंभ के आधिकारिक प्रचार के रूप में पेश किया गया था, और इसे सुनकर संगीत प्रेमियों में जोश और उत्साह की लहर दौड़ गई। शंकर महादेवन की आवाज़ में इस गीत ने हर किसी के दिल में एक नई उमंग जगा दी, जो कुंभ की अद्भुत धार्मिक महत्ता और सांस्कृतिक धरोहर को श्रद्धांजलि अर्पित करता है।

''चलो कुंभ चलें'' गीत का महत्व:

इस गीत में शंकर महादेवन ने कुंभ मेला की सांस्कृतिक और धार्मिक गरिमा को बड़े ही सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया। "चलो कुंभ चलें" गीत लोगों को एक साथ जुड़ने और महाकुंभ के महान अवसर का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित करता है। गीत की लयबद्धता, संगीत और शंकर महादेवन की गायकी ने इसे एक अनोखा और भावनात्मक अनुभव बना दिया।

मैथिली गायिका का रंगीन योगदान:

महाकुंभ के इस उत्सव में मैथिली गायिका ने भी अपनी विशेष प्रस्तुति से रंग जमाया। उन्होंने अपने मधुर सुरों से कुंभ के महत्व को और भी दिलचस्प बना दिया। उनके गीतों में जो श्रद्धा और भक्ति का भाव था, वह श्रोता दिल से महसूस कर रहे थे। उनकी आवाज़ में एक प्रकार की ऊर्जा और उल्लास था, जो महाकुंभ के महान अवसर के अनुरूप था।

संगीत और श्रद्धा का संगम:

महाकुंभ के इस कार्यक्रम में संगीत और श्रद्धा का अद्भुत मिलाजुला रूप देखने को मिला। शंकर महादेवन और मैथिली गायिका के संगीत ने दर्शकों को एक अद्वितीय अनुभव दिया। यह एक ऐसा अवसर था, जहां संगीत और धार्मिकता का अद्भुत संगम देखने को मिला, जिससे महाकुंभ के भक्तिपूर्ण वातावरण में और भी ज्यादा रंग भर गया।

संगीत प्रेमियों का उत्साह:

शंकर महादेवन और मैथिली गायिका के गीतों पर झूमते हुए संगीत प्रेमी माहौल को और भी जोशपूर्ण बना रहे थे। उनके सुरों ने महाकुंभ की भव्यता और ऐतिहासिक महत्व को बढ़ा दिया। लोग न सिर्फ गीतों में लयबद्धता का आनंद ले रहे थे, बल्कि इस अवसर पर उनका आध्यात्मिक जुड़ाव भी गहरा हो गया था।

Breaking News:

Recent News: