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Mahakumbh 2025: सात फीट लंबी कद-काठी वाले मस्कुलर बाबा… कुंभ मेले में छाए रूस के गिरि महाराज

महाकुंभ
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kanwhizz Times
  • Updated: January 18, 2025

कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क।2025 के महाकुंभ मेला में एक अनोखा और आकर्षक दृश्य देखने को मिल रहा है। रूस के एक साधु, जिन्हें लोग ‘गिरि महाराज’ के नाम से जानते हैं, अपनी विशाल कद-काठी और मस्कुलर बॉडी के साथ कुंभ मेले में आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। उनकी लंबाई सात फीट से भी ज्यादा है और उनकी कड़ी साधना और शारीरिक फिटनेस के कारण वे ‘मस्कुलर बाबा’ के नाम से मशहूर हो गए हैं।

मुख्य बिंदु:
    1.    गिरि महाराज का परिचय:
गिरि महाराज रूस के रहने वाले हैं और पिछले कई सालों से भारत में साधना कर रहे हैं। उन्होंने कई साल पहले योग और साधना के उद्देश्य से भारत आने का निर्णय लिया था, और अब वे महाकुंभ में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं। उनका शरीर बेहद मस्कुलर और आकर्षक है, जो साधारण साधुओं से बहुत अलग है।
    2.    कद-काठी और शारीरिक संरचना:
गिरि महाराज की कद-काठी सात फीट से भी लंबी है और उनका शरीर भी अत्यधिक मजबूत और मस्कुलर है, जो इस मेला में विशेष ध्यान आकर्षित करता है। उनका यह रूप और शरीर उनकी कठिन साधना और व्यायाम का परिणाम है, जिसे उन्होंने वर्षों तक नियमित रूप से किया है।
    3.    कुंभ में महत्त्व:
महाकुंभ मेला एक ऐसा अवसर है, जहां देश-विदेश से लोग आकर स्नान करते हैं, साधना करते हैं, और धार्मिक क्रियाओं में भाग लेते हैं। गिरि महाराज ने अपने अद्भुत शरीर और शारीरिक योग्यता के साथ इस मेले में एक नई पहचान बनाई है। उनका मानना है कि शारीरिक साधना और योग के माध्यम से व्यक्ति आत्मिक और शारीरिक दोनों रूपों में स्वस्थ और सक्षम बन सकता है।
    4.    लोगों का आकर्षण:
महाकुंभ में लोग गिरि महाराज को देखकर अचंभित हो रहे हैं। उनके शरीर के आकार और शारीरिक फिटनेस ने सभी को प्रभावित किया है। कई श्रद्धालु उनके साथ फोटो खिंचवाने और उनसे आशीर्वाद लेने के लिए उनके पास आते हैं। गिरि महाराज का मानना है कि शारीरिक और मानसिक संतुलन से ही एक व्यक्ति जीवन में असल खुशी और शांति पा सकता है।
    5.    धार्मिक यात्रा:
गिरि महाराज ने अपनी धार्मिक यात्रा में कई वर्षों तक साधना की है और उन्होंने अपने जीवन का अधिकतर हिस्सा भारत में बिताया है। उनका उद्देश्य केवल शारीरिक साधना नहीं, बल्कि आत्मा की शुद्धि और ध्यान के माध्यम से परमात्मा से मिलन करना है। वे मानते हैं कि योग और साधना जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पहलू हैं।

 

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