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Mauni Amavasya पर गंगा स्नान और पितृ दोष निवारण के लिए विशेष स्तोत्र

धर्म
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kanwhizz Times
  • Updated: January 28, 2025

कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क।
Mauni Amavasya एक अत्यंत महत्वपूर्ण तिथि है, जो हर साल माघ माह के अमावस्या को आती है। इस दिन का विशेष महत्व होता है, खासकर पितृ पक्ष और तर्पण के संदर्भ में। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन गंगा स्नान और पितृ पूजन से विशेष लाभ होता है। यदि किसी व्यक्ति पर पितृ दोष है, तो उसे इस दिन विशेष रूप से स्नान करना चाहिए और कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना चाहिए।

पितृ दोष का असर जीवन में कई प्रकार की समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे संतान प्राप्ति में कठिनाई, पारिवारिक कलह, मानसिक तनाव आदि। इसे दूर करने के लिए विशेष व्रत, पूजन और मंत्रों का जाप किया जाता है।

गंगा स्नान के दौरान पढ़ने वाला पितृ दोष निवारण स्तोत्र:

पितृ दोष निवारण स्तोत्र का पाठ Mauni Amavasya पर करने से पितृ ऋण से मुक्ति मिलती है और पितृ दोष के कारण उत्पन्न समस्याएं समाप्त हो सकती हैं।

यह स्तोत्र कुछ इस प्रकार है:

“ॐ पितृभ्यः स्वाहा”

यह मंत्र विशेष रूप से पितृ दोष को निवारण के लिए प्रभावी माना जाता है। साथ ही गंगा स्नान के बाद अगर आप इसे नियमित रूप से पढ़ते हैं तो आपके जीवन से पितृ दोष के प्रभाव को समाप्त करने में मदद मिल सकती है।

साथ ही, इस दिन गंगा स्नान करने के साथ-साथ, पितृ तर्पण और श्राद्ध विधि भी की जाती है। इसे दिनभर “ॐ शांति शांति शांति” का जाप भी करना चाहिए।

Mauni Amavasya पर कुछ और उपाय:
    1.    ब्राह्मणों को भोजन कराना: इस दिन ब्राह्मणों को भोजन और दक्षिणा देना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। यह पितृ ऋण को दूर करने का एक प्रभावी तरीका है।
    2.    दान पुण्य: गंगा नदी में तर्पण और दान देने से पितृ दोष निवारण होता है।
    3.    मालचित्र या यमराज के लिए तर्पण: खासतौर पर इस दिन पितृ को तर्पण देकर उनके आशीर्वाद को प्राप्त किया जाता है।

 

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