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Pahalgam Terror Attack: लश्कर का मुखौटा और ISI की ढाल... कौन है आतंकी संगठन TRF, कहां छिपा है इसका सरगना?

जम्मू कश्मीर
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kanwhiz Times
  • Updated: April 23, 2025

कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क । जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है, जो पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का सहयोगी है। इस हमले ने घाटी में फिर से आतंकवाद के खतरे को उजागर किया है और सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह चिंता का कारण बन गया है।

TRF का गठन और गतिविधियां

TRF की स्थापना 2019 के पुलवामा हमले के बाद हुई थी, जब भारत में आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों ने अपनी रणनीति में बदलाव किया। अनुच्छेद 370 के हटने के बाद, TRF ने जम्मू-कश्मीर में अपनी गतिविधियों को और तेज कर दिया, जिससे घाटी में आतंकवाद की स्थिति में भी वृद्धि हुई। इस संगठन ने कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए लश्कर-ए-तैयबा के हथियारों और रणनीतियों का इस्तेमाल किया।

TRF का सरगना: शेख सज्जाद गुल

संगठन का सरगना शेख सज्जाद गुल है, जो पाकिस्तान में छिपा हुआ है और वहीं से TRF के संचालन को दिशा देता है। शेख सज्जाद गुल लश्कर-ए-तैयबा के एक प्रमुख सदस्य है और उसकी गतिविधियां सीधे तौर पर पाकिस्तान के ISI (इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस) के साथ जुड़ी हुई हैं। गुल के पास कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी का पूरा समर्थन प्राप्त है, जो TRF को आवश्यक हथियार, प्रशिक्षण, और रसद मुहैया कराती है।

TRF और ISI का सहयोग

TRF के आतंकवादी गतिविधियों को चलाने में ISI का महत्वपूर्ण हाथ है। पाकिस्तान में बैठी ISI TRF को नए recruits (नौजवानों) की भर्ती, फंडिंग, और सैन्य प्रशिक्षण प्रदान करती है, जिससे यह संगठन कश्मीर घाटी में अपनी पकड़ बनाए रखता है। TRF ने अपने अभियानों के लिए लश्कर के पुराने आतंकियों और नए भर्ती किए गए आतंकवादियों का इस्तेमाल किया है, जिनकी गतिविधियों का केंद्र कश्मीर घाटी है।

TRF का उद्देश्य और रणनीति

TRF का मुख्य उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में भारत के खिलाफ आतंकवाद फैलाना और पाकिस्तान के समर्थन से कश्मीर को अलग करना है। यह संगठन किसी भी प्रकार की राजनीतिक और सैनिक कार्रवाई के जरिए कश्मीर में अस्थिरता और हिंसा को बढ़ावा देता है। TRF ने कश्मीरी युवाओं को अपनी तरफ खींचने के लिए जिहादी विचारधारा को बढ़ावा दिया और कश्मीर में भारतीय शासन के खिलाफ बगावत करने के लिए उन्हें उकसाया।

TRF की सक्रियता और सुरक्षा चैलेंज

अभी तक, TRF के कई आतंकवादी कश्मीर घाटी में सक्रिय हैं और उन्हें भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। हाल ही में हुए पहलगाम आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी TRF ने ली, जो इस संगठन की बढ़ती सक्रियता का संकेत है। हालांकि, भारत की सुरक्षा एजेंसियां लगातार इस संगठन के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं, लेकिन पाकिस्तान में बैठे इसके सरगना और ISI के सहयोग से यह संगठन कश्मीर में अपनी गतिविधियों को लगातार बढ़ा रहा है।

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