कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क।पौष माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी, जिसे पुत्रदा एकादशी या पौष पुत्रदा एकादशी कहा जाता है, का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। यह दिन विशेष रूप से संतान सुख की प्राप्ति, दरिद्रता से मुक्ति और जीवन में समृद्धि लाने के लिए बेहद खास माना जाता है। इस दिन, विशेष रूप से मां तुलसी की पूजा और उनके मंत्रों का जाप करना अत्यंत फलदायी होता है।
मां तुलसी का महत्व:
मां तुलसी का हिन्दू धर्म में अत्यधिक सम्मानित स्थान है। उन्हें देवी लक्ष्मी, भगवान विष्णु की प्रिय और समृद्धि की देवी माना जाता है। उनके पूजन से घर में सुख-शांति, समृद्धि और दरिद्रता का नाश होता है।
पौष मास की एकादशी के दिन मां तुलसी की पूजा और उनके मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली कठिनाइयां दूर होती हैं और उनका हर काम आसानी से पूरा होता है। यह दिन विशेष रूप से संतान सुख की प्राप्ति के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
मंत्रों का जाप:
मां तुलसी के कुछ खास मंत्रों का जाप इस दिन विशेष रूप से लाभकारी होता है। यहां कुछ प्रभावी मंत्र दिए गए हैं, जिन्हें आपको पूरे श्रद्धा भाव से जाप करना चाहिए:
1. तुलसी पूजा मंत्र:
“ॐ श्री तुलसी महाभागे विश्वेश्वरी नमोऽस्तुते।
नमः सर्वसुख देहि तुष्टिं मे कुरु साधिका॥”
यह मंत्र तुलसी मां की पूजा में विशेष रूप से उपयोग किया जाता है। इसे जाप करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।
2. दरिद्रता नाशक मंत्र:
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय हरिविघ्ननाशकाय
तुलसी तुझें प्रणाम, हरि के चरणों में बस जाएं॥”
इस मंत्र का जाप दरिद्रता और आर्थिक समस्याओं के निवारण के लिए किया जाता है। इसे जाप करने से व्यक्ति के जीवन में वित्तीय समस्याएं दूर होती हैं और समृद्धि का आगमन होता है।
3. संतान सुख के लिए मंत्र:
“ॐ श्री तुलसी महाभागे, पुण्यश्चैतन्यवर्धिनी।
संतानस्य गुणं प्रपद्ये तुलसीं हरिविघ्ननाशिनीं॥”
यह मंत्र संतान सुख की प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। इस मंत्र के जाप से संतान सुख की प्राप्ति होती है और संतान से जुड़ी परेशानियां दूर होती हैं।
पूजा विधि:
1. प्रभात में उठें और स्नान करके शुद्ध हो जाएं।
2. तुलसी के पौधे को श्रद्धा भाव से प्रणाम करें और उसकी साफ-सफाई करें।
3. तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाएं, अगर संभव हो तो घी का दीपक लगाएं।
4. तुलसी के पौधे को जल अर्पित करें और फिर ऊपर बताए गए मंत्रों का जाप 108 बार करें।
5. पूजा के बाद प्रसाद के रूप में तुलसी के पत्ते चढ़ाएं और घर के सभी सदस्यों को प्रसाद वितरित करें।
महत्त्वपूर्ण बातें:
• इस दिन व्रत रखना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। व्रत रखने से व्यक्ति के सभी कष्टों का निवारण होता है।
• इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें और संयमित आहार लें। उपवासी रहकर मां तुलसी की पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
• अगर संभव हो तो तुलसी के पौधे को हर घर में लगाएं और उसका नियमित रूप से ध्यान रखें।
पौष पुत्रदा एकादशी के दिन मां तुलसी के इन मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति के जीवन से दरिद्रता का नाश होता है और घर में सुख-शांति का वास होता है। साथ ही, यह दिन संतान सुख की प्राप्ति और जीवन के अन्य कष्टों के निवारण के लिए भी अत्यधिक उपयुक्त है। श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा करने से जीवन में समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।