कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क।मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) की नियुक्ति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बीच मतभेद उभरकर सामने आए हैं। राहुल गांधी ने CEC की नियुक्ति प्रक्रिया पर असहमति जताते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने आधी रात को निर्णय लिया, जिससे लोकतंत्र की संस्थाओं की स्वतंत्रता पर सवाल उठते हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया:
मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए एक चयन समिति गठित की जाती है, जिसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और केंद्रीय कानून मंत्री शामिल होते हैं। इस समिति की बैठक 17 फरवरी 2025 को आयोजित की गई, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी, राहुल गांधी और केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने भाग लिया। इस बैठक में मौजूदा CEC राजीव कुमार के उत्तराधिकारी के नाम पर चर्चा की गई।
राहुल गांधी की आपत्ति:
राहुल गांधी ने CEC की नियुक्ति प्रक्रिया पर असहमति जताते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने यह निर्णय बिना उचित परामर्श और पारदर्शिता के लिया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय लोकतंत्र की संस्थाओं की स्वतंत्रता पर प्रश्नचिह्न लगाता है।
सरकार की प्रतिक्रिया:
सरकार ने राहुल गांधी के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि CEC की नियुक्ति प्रक्रिया संविधान और कानून के अनुसार पूरी पारदर्शिता के साथ की गई है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि नियुक्ति में किसी भी प्रकार की जल्दबाजी या आधी रात के निर्णय की बात गलत है।