कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क।
वक्फ कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज (16 अप्रैल 2025) महत्वपूर्ण सुनवाई होनी है। इस मामले में 10 याचिकाएं दायर की गई हैं, जबकि इस कानून के खिलाफ कुल 70 याचिकाएं दाखिल की गई हैं। याचिकाकर्ता इस कानून को असंवैधानिक बताते हुए इसे रद्द करने की मांग कर रहे हैं। 
मुख्य बिंदु:
1. याचिकाकर्ताओं की मांग: याचिकाकर्ता वक्फ अधिनियम, 1995 की धारा 4, 5, 6, 7, 8, 9, 14 और 16(ए) को असंवैधानिक मानते हुए इसे रद्द करने की मांग कर रहे हैं।
2. संविधानिकता पर सवाल: याचिकाकर्ताओं का कहना है कि वक्फ अधिनियम के ये प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन करते हैं।
3. भेदभाव का आरोप: याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि इस कानून के तहत मुस्लिम समुदाय को विशेष अधिकार दिए गए हैं, जबकि अन्य धार्मिक समुदायों के लिए ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
4. सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यदि वक्फ अधिनियम को रद्द किया जाता है, तो इससे अतिक्रमण करने वालों को फायदा होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस कानून की संवैधानिकता पर विचार करते समय हमें धार्मिक सीमाओं से ऊपर उठकर सोचना चाहिए। 
5. अश्विनी उपाध्याय की याचिका: भा.ज.पा. नेता और अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने भी इस कानून को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
6. केंद्र सरकार की भूमिका: केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में कहा था कि वक्फ अधिनियम के खिलाफ देशभर में कुल 120 याचिकाएं लंबित हैं और सभी मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
7. वक्फ अधिनियम का उद्देश्य: वक्फ अधिनियम का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और चैरिटेबल संपत्तियों का प्रबंधन करना है।
8. सुप्रीम कोर्ट की भूमिका: सुप्रीम कोर्ट को यह तय करना है कि क्या वक्फ अधिनियम संविधान के अनुरूप है या नहीं।
9. सुनवाई का महत्व: इस सुनवाई के परिणाम से वक्फ अधिनियम की संवैधानिकता पर महत्वपूर्ण निर्णय हो सकता है, जो भविष्य में धार्मिक संपत्तियों के प्रबंधन पर प्रभाव डालेगा।
10. अगली सुनवाई की तारीख: इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख अभी निर्धारित नहीं की गई है, लेकिन कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जल्द सुनवाई की संभावना जताई है।