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एक देश, एक चुनाव’ पर संयुक्त संसदीय समिति की पहली बैठक आज, दो विधेयकों पर विचार करेगी जेपीसी

चुनाव
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kanwhizz Times
  • Updated: January 8, 2025

कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क।भारत में एक देश, एक चुनाव की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाते हुए संविधान (129वां) संशोधन विधेयक और उससे संबंधित एक अन्य विधेयक पर आज संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की पहली बैठक आयोजित होने जा रही है। इन दोनों विधेयकों को केंद्र सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया था, और अब इन पर विस्तार से विचार करने के लिए जेपीसी को भेजा गया है।

क्या है ‘एक देश, एक चुनाव’ का प्रस्ताव?

‘एक देश, एक चुनाव’ का प्रस्ताव यह है कि लोकसभा चुनाव और सभी राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ और एक ही समय पर आयोजित किए जाएं। इसका मुख्य उद्देश्य चुनावों की प्रक्रिया को सरल और कम खर्चीला बनाना, साथ ही चुनावी प्रक्रिया में व्यस्तता को घटाना है। यदि यह व्यवस्था लागू होती है तो भारत में चुनावों के आयोजन की बार-बार होने वाली कवायद को कम किया जा सकेगा।

दो विधेयकों पर होगी चर्चा:

संविधान (129वां) संशोधन विधेयक और एक अन्य विधेयक दोनों पर जेपीसी आज बैठक में विचार करेगी। इन विधेयकों में प्रमुख तौर पर लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने के लिए संविधान में बदलाव की आवश्यकता पर चर्चा होगी। साथ ही, इन विधेयकों के जरिए संबंधित कानूनों में बदलाव किए जाने की भी संभावना है, ताकि यह व्यवस्था लागू की जा सके।

विधेयकों के मुख्य बिंदु:
    1.    संविधान (129वां) संशोधन विधेयक: इस विधेयक का उद्देश्य संविधान के अनुच्छेद 83 और 172 में संशोधन करना है, ताकि लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की संवैधानिक व्यवस्था बनाई जा सके।
    2.    विधानसभा और लोकसभा चुनावों की टाइमलाइन: विधेयक के तहत, लोकसभा और विधानसभा चुनावों को समान समय पर आयोजित करने के लिए एक सुसंगत और व्यावहारिक योजना बनाने की आवश्यकता होगी, ताकि संसदीय लोकतंत्र के सिद्धांतों को बनाए रखा जा सके।

जेपीसी की भूमिका और बैठक की प्रक्रिया:

जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) संसद के दोनों सदनों के सांसदों का एक समूह है, जिसका उद्देश्य विधेयकों पर विस्तार से विचार करना होता है। इस समिति में सरकार और विपक्ष दोनों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं, ताकि विधेयक के पक्ष और विपक्ष पर विस्तृत चर्चा हो सके। आज की बैठक में विधेयकों के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा और समिति द्वारा रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जो फिर संसद में पेश की जाएगी।

क्या है ‘एक देश, एक चुनाव’ के फायदे और नुकसान?

फायदे:
    •    चुनावी खर्च में कमी
    •    बार-बार चुनावों की प्रक्रिया से होने वाली लॉजिस्टिकल समस्याओं का समाधान
    •    अधिक स्थिर शासन और नीति निर्माण में निरंतरता

नुकसान:
    •    कुछ दलों को राज्य स्तर पर चुनावी नियंत्रण से वंचित रहना पड़ सकता है।
    •    लोकल मुद्दों को राष्ट्रीय चुनावों में दबा दिया जा सकता है।
    •    एक साथ चुनाव होने पर सभी पार्टियों को एक जैसा संसाधन मिलना जरूरी होगा, जो हमेशा संभव नहीं होता।

आज की जेपीसी बैठक ‘एक देश, एक चुनाव’ के प्रस्ताव पर महत्वपूर्ण चर्चा का आरंभ करेगी। यह प्रस्ताव यदि संसद में मंजूर होता है तो भारतीय चुनाव प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव हो सकता है। हालांकि, इसके लिए संविधान संशोधन की आवश्यकता होगी और इसके असर को लेकर सभी पक्षों की राय भी अहम होगी।
 

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