कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क।1 जनवरी 2025 को भारत सरकार ने ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर एक नया कानून लागू करने की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य साइबर अपराधों पर कड़ी रोकथाम और सख्त कार्रवाई करना है। “साइबर सुरक्षा और डिजिटल अपराध निवारण कानून” (Cyber Security and Digital Crime Prevention Act, 2025) नामक यह कानून ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स, इंटरनेट सेवा प्रदाताओं, और डिजिटल उपयोगकर्ताओं के लिए कई नई गाइडलाइंस और सुरक्षा उपायों को अनिवार्य बनाता है। इसके तहत, साइबर अपराधों के प्रति सख्ती से निपटने और इंटरनेट पर हो रहे धोखाधड़ी, पहचान चोरी, हैकिंग, साइबर बुलिंग, और अन्य ऑनलाइन अपराधों को रोकने के लिए नए नियम और दंडात्मक प्रावधान जोड़े गए हैं।
कानून का उद्देश्य और मुख्य प्रावधान:
1. साइबर अपराधों पर कड़ी सजा और दंड:
नया कानून साइबर अपराधों पर सख्त सजा निर्धारित करता है। इसमें हैकिंग, डेटा चोरी, व्यक्तिगत जानकारी की चोरी, साइबर बुलिंग, फिशिंग, और अन्य ऑनलाइन धोखाधड़ी के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है। अपराधियों को अधिकतम 10 साल की सजा और भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
2. ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स की जिम्मेदारी:
अब सभी ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स और सोशल मीडिया कंपनियों को उपयोगकर्ता डेटा की सुरक्षा और निगरानी के लिए अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। कंपनियों को किसी भी साइबर अपराध की सूचना मिलने के बाद 24 घंटे के भीतर संबंधित अधिकारियों को सूचित करना अनिवार्य होगा। यदि कोई प्लेटफ़ॉर्म उपयोगकर्ता की व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा में लापरवाही करता है, तो उसे भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है।
3. ऑनलाइन पहचान सुरक्षा:
इस कानून के तहत, अब सभी उपयोगकर्ताओं को अपनी ऑनलाइन पहचान की सुरक्षा के लिए अनिवार्य उपायों को अपनाना होगा। प्रत्येक उपयोगकर्ता को अपनी डिजिटल पहचान की सुरक्षा के लिए मजबूत पासवर्ड, दो-चरण प्रमाणीकरण (2FA), और अन्य सुरक्षा सुविधाएं उपयोग में लानी होंगी। साथ ही, उपयोगकर्ताओं को ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर अपने व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के बारे में स्पष्ट जानकारी दी जाएगी।
4. साइबर सुरक्षा शिक्षा और जागरूकता:
सरकार ने साइबर सुरक्षा के महत्व को समझते हुए एक राष्ट्रीय अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है, जिससे आम नागरिकों और कर्मचारियों को साइबर सुरक्षा के बेसिक नियमों और धोखाधड़ी से बचने के तरीकों के बारे में जागरूक किया जाएगा। स्कूलों और कॉलेजों में भी साइबर सुरक्षा से संबंधित पाठ्यक्रमों को अनिवार्य किया जाएगा।
5. सुरक्षा जांच और निगरानी:
कानून में यह प्रावधान भी है कि डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक निगरानी प्रणाली स्थापित की जाएगी। इसके तहत साइबर अपराधों की जांच और डेटा के उल्लंघन का पता लगाने के लिए विशेष निगरानी एजेंसियां गठित की जाएंगी। ये एजेंसियां ऑनलाइन गतिविधियों पर नज़र रखकर सुरक्षा खामियों को पहचानेंगी और उनका समाधान करेंगी।
6. साइबर अपराधों के लिए विशेष अदालतें:
साइबर अपराधों के मामलों को तेजी से निपटाने के लिए विशेष साइबर अदालतों का गठन किया जाएगा। इन अदालतों का उद्देश्य डिजिटल अपराधों को त्वरित गति से सुलझाना होगा, ताकि न्याय प्रक्रिया में कोई देरी न हो और पीड़ितों को जल्द न्याय मिल सके।
नवीनतम तकनीकी उपाय और सहयोग:
1. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) का उपयोग:
इस कानून के अंतर्गत, साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। यह तकनीकें अपराधियों को ट्रैक करने, उनके नेटवर्क का विश्लेषण करने, और ऑनलाइन धोखाधड़ी के पैटर्न की पहचान करने में मदद करेंगी।
2. इंटरनेशनल सहयोग:
चूंकि साइबर अपराध अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने वाले होते हैं, इस कानून के अंतर्गत भारत अन्य देशों के साथ साइबर अपराधों के खिलाफ सहयोग बढ़ाएगा। विशेष रूप से, भारत अपने पड़ोसी देशों और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय साइबर सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर साइबर अपराधियों का पता लगाने और उन्हें गिरफ्तार करने में सहयोग करेगा।
सरकार और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया:
भारत के सुरक्षा मंत्री अमित शाह ने इस नए कानून की घोषणा करते हुए कहा, “साइबर सुरक्षा आज के डिजिटल युग में अत्यंत महत्वपूर्ण बन गई है। यह कानून भारत को साइबर अपराधों के खिलाफ एक मजबूत ढांचा प्रदान करेगा और नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि यह कानून भारतीय नागरिकों को इंटरनेट पर सुरक्षित अनुभव देने के लिए है, और इसे लागू करने के लिए सभी स्तरों पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ प्रसन्ना कुमार ने कहा, “यह कानून भारत के डिजिटल भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह कानून न केवल ऑनलाइन अपराधों को रोकने के लिए एक मजबूत ढांचा प्रदान करेगा, बल्कि यह साइबर अपराधियों के लिए एक स्पष्ट संदेश भी भेजेगा कि भारत में ऐसे अपराधों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
निवेशकों और व्यवसायों के लिए प्रभाव:
व्यवसायों और निवेशकों के लिए यह कानून कई नई चुनौतियां और अवसर लेकर आएगा। अब कंपनियों को अपनी डिजिटल संरचनाओं की सुरक्षा को लेकर अधिक ध्यान देना होगा और उपयोगकर्ताओं के डेटा को सुरक्षित रखने के लिए उच्च मानकों का पालन करना होगा। इसके अलावा, इस कानून से साइबर सुरक्षा क्षेत्र में नई नौकरियों के अवसर भी उत्पन्न होंगे, खासतौर पर साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों, डेटा सुरक्षा अधिकारियों और तकनीकी विशेषज्ञों के लिए।
भारत में साइबर अपराधों पर कड़ी कार्रवाई के लिए लागू किया गया नया कानून, देश में डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करने और ऑनलाइन अपराधों को नियंत्रित करने के लिए एक बड़ा कदम है। यह कानून न केवल साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त सजा का प्रावधान करता है, बल्कि आम नागरिकों को भी सुरक्षित ऑनलाइन अनुभव सुनिश्चित करने के लिए कई उपायों का पालन करने के लिए प्रेरित करता है।