कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क।कुंभ मेला, जो विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है, 2025 में अपनी ऐतिहासिक उपस्थिति दर्ज कराएगा। प्रशासन ने इस बार मेला क्षेत्र में डिजिटल सुविधाओं का विस्तार करने का निर्णय लिया है, जिससे श्रद्धालु न केवल मेला क्षेत्र में पहुंचने के बिना, बल्कि दूरदराज से भी धार्मिक आयोजनों का लाभ उठा सकेंगे। ऑनलाइन पूजा और दर्शन की सुविधाओं को प्राथमिकता दी गई है, ताकि सभी श्रद्धालु इस पर्व का हिस्सा बन सकें, चाहे वे शारीरिक रूप से मेला स्थल पर उपस्थित न हो सकें।
ऑनलाइन पूजा और दर्शन की प्रमुख सुविधाएँ:
1. ऑनलाइन दर्शन का आयोजन:
अब श्रद्धालु अपनी घर बैठे ही कुंभ मेला में होने वाले प्रमुख स्नान, पूजा और धार्मिक अनुष्ठानों का लाइव प्रसारण देख सकेंगे। प्रशासन के अनुसार, मेला क्षेत्र में स्थापित किए गए डिजिटल प्लेटफार्म पर श्रद्धालु कुंभ मेला के मुख्य स्थानों जैसे अर्धकुंभ, संगम तट, और गंगा आरती का लाइव स्ट्रीमिंग देख सकेंगे। इसके लिए विभिन्न ऐप्स और वेबसाइट्स का उपयोग किया जाएगा।
2. ऑनलाइन पूजा का आयोजन:
कुंभ मेला में श्रद्धालु अब घर बैठे ही पूजा अर्चना कर सकते हैं। इसके लिए एक विशेष ऑनलाइन प्लेटफॉर्म विकसित किया जाएगा, जहां लोग ऑनलाइन पूजा अर्चना के लिए आवेदन कर सकते हैं। श्रद्धालु पंजीकरण के बाद अपने समय पर ऑनलाइन पूजा में भाग ले सकते हैं, और इस दौरान उनके नाम और पत्तियों की पूजा की जाएगी। इसके माध्यम से विशेष पूजा आयोजनों में भी श्रद्धालु हिस्सा ले सकते हैं, जैसे नदी स्नान, अर्चना, और हवन।
3. डिजिटल क्यूआर कोड और आरक्षण सुविधा:
मेले में भाग लेने के लिए क्यूआर कोड आधारित डिजिटल प्रवेश प्रणाली और पूजा स्थानों के लिए ऑनलाइन आरक्षण की व्यवस्था की जाएगी। श्रद्धालु पहले से ही इंटरनेट के माध्यम से अपनी पूजा और दर्शन के लिए समय निर्धारित कर सकते हैं, जिससे मेले में आने वाली भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और सुविधाओं का सही तरीके से वितरण हो सके।
4. ऑनलाइन डोनेशन और पंजीकरण:
कुंभ मेला के आयोजन से जुड़े विभिन्न सामाजिक कार्यों और मंदिरों के लिए श्रद्धालु ऑनलाइन डोनेशन कर सकते हैं। प्रशासन ने एक आसान डिजिटल प्लेटफार्म बनाया है, जहां श्रद्धालु दान कर सकते हैं और अपने दान की रसीद प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, ऑनलाइन पंजीकरण से मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का पूर्व अनुमान लगाया जा सकेगा, जिससे व्यवस्थाओं में सुधार होगा।
5. आभासी दर्शन का अनुभव (Virtual Reality):
प्रशासन एक आभासी दर्शन (VR) सुविधा भी प्रदान करेगा, जिससे दूरदराज के लोग भी मेला स्थल के प्रमुख स्थानों का 360 डिग्री व्यू देख सकेंगे। यह सुविधा विशेष रूप से उन श्रद्धालुओं के लिए होगी जो शारीरिक रूप से मेला स्थल पर आने में असमर्थ हैं।
6. ऑनलाइन हेल्प डेस्क और कस्टमर सपोर्ट:
मेले के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की मदद के लिए एक ऑनलाइन हेल्प डेस्क उपलब्ध होगा। यहां पर वे अपने सवालों का उत्तर प्राप्त कर सकते हैं, साथ ही उन्हें दर्शन, पूजा या अन्य सुविधाओं के बारे में जानकारी मिल सकेगी। यह सेवा 24 घंटे उपलब्ध रहेगी।