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केजीएमयू में स्थापित क्लिनिक, रेस्पिरेटरी प्राइमरी केयर में सिम्पटम साइंस को आगे बढ़ाने की पहल

KGMU
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Dhirendra Mishra
  • Updated: October 7, 2025

लखनऊ, कैनविज टाइम्स संवाददाता। बेनाड्रिल के निर्माता केंव्यू ने एसोसिएशन ऑफ फिज़िशियंस ऑफ इंडिया के साथ मिलकर लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में देश का पहला ‘कफ क्लिनिक’ शुरू किया है। यह पहल एक वैज्ञानिक और शैक्षणिक अभियान के रूप में देशभर में 10 ‘कफ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ स्थापित करने और एक वर्ष में 1,000 से अधिक डॉक्टरों को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। कफ क्लिनिक्स का उद्देश्य डॉक्टरों को सरल और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से खांसी के मूल्यांकन और उपचार में सक्षम बनाना है। यहां डॉक्टरों को केस-आधारित प्रशिक्षण दिया जाएगा जिसमें खांसी की पहचान, उसकी आवाज़ से निदान और लक्षणों के अनुसार उचित इलाज पर जोर रहेगा। हाल के वर्षों में लखनऊ और आसपास के जिलों में श्वसन संबंधी बीमारियों में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में धूम्रपान न करने वालों में भी COPD(क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) के मामले बढ़ रहे हैं। पहले जहां अस्पतालों में रोज़ दो-तीन मरीज लंबे समय से चल रही खांसी या सांस की समस्या के लिए आते थे, अब यह संख्या बढ़कर पांच से अधिक मरीज प्रतिदिन हो गई है। सर्दी के मौसम, धुंध, प्रदूषण और खराब वायु गुणवत्ता से ये समस्याएं और गंभीर हो जाती हैं, जिससे सामान्य और संवेदनशील दोनों वर्गों के स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है। ऐसे में खांसी का वैज्ञानिक और व्यवस्थित मूल्यांकन अब अत्यावश्यक हो गया है, क्योंकि यह रेस्पिरेटरी रोगों का सबसे सामान्य लक्षण है। कफ क्लिनिक्स को कफ कैटेगराइजेशन टूल के आधार पर बनाया गया है, जिसे विशेषज्ञों ने विकसित किया और 2024 में जर्नल ऑफ द एसोसिएशन ऑफ फिज़िशियंस ऑफ इंडिया में प्रकाशित किया गया। यह टूल डॉक्टरों को खांसी को वेट, ड्राई या मल्टी-सिम्पटम श्रेणियों में वर्गीकृत करने और रेड-फ्लैग संकेतों व ट्रिगर्स को पहचानने में मदद करता है। इससे लक्षण-आधारित उपचार को बढ़ावा मिलता है और बिना कारण दवाओं के अत्यधिक उपयोग को कम किया जा सकता है।

 

 

लॉन्च के मौके पर

प्रोफेसर डॉ. सूर्या कांत त्रिपाठी, प्रमुख, श्वसन रोग विभाग, केजीएमयू, ने कहा कि लखनऊ आज भारत की बदलती रेस्पिरेटरी हेल्थ प्रोफाइल का प्रतिबिंब है। बीते वर्षों में हमने खांसी और श्वसन रोगों के लिए ओपीडी विज़िट्स में दोगुनी वृद्धि देखी है, साथ ही ग्रामीण घरों में धूम्रपान न करने वालों में COPD की चिंताजनक दर भी सामने आई है। ऐसे में अब केवल लक्षणों के उपचार से आगे बढ़कर डॉक्टरों को व्यावहारिक और वैज्ञानिक डायग्नोस्टिक टूल्स से सशक्त करना आवश्यक है। कफ क्लिनिक इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो डॉक्टरों को साक्ष्य-आधारित, सरल और प्रभावी प्रशिक्षण देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। हमारा उद्देश्य है कि हर चिकित्सक आत्मविश्वास के साथ खांसी की पहचान, वर्गीकरण और उपचार का निर्णय ले सके जिससे मरीजों को सीधा लाभ मिले।

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