कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क।गणेश पूजा हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण है, और यह विशेष रूप से विघ्नहर्ता भगवान गणेश की आराधना का समय है। गणेश जी का आह्वान सुख, समृद्धि, और बुराई से मुक्ति के लिए किया जाता है। गणेश पूजा के दौरान यदि सही मंत्रों और स्तोत्र का पाठ किया जाए, तो भक्तों की सभी बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में खुशहाली आती है।
गणेश पूजा में सबसे प्रभावी स्तोत्रों में से एक “गणapati स्तोत्र” है, जिसे विशेष रूप से गणेश की पूजा में अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। इसे बड़े श्रद्धा भाव से पढ़ने से सभी प्रकार के विघ्न, दुख और कष्ट दूर हो सकते हैं। यह स्तोत्र भगवान गणेश की महिमा का वर्णन करता है और उनके आशीर्वाद से हर प्रकार की मुश्किल आसान हो जाती है।
गणपति स्तोत्र का पाठ:
“ॐ गण गणपतये नम:
वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभा।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व कार्येषु सर्वदा॥”
यह मंत्र गणेश जी के वक्रतुण्ड रूप की पूजा करता है, जो हर विघ्न को दूर कर भक्तों के मार्ग को प्रशस्त करता है। इसके अतिरिक्त, गणेश अष्टकशती स्तोत्र भी बहुत प्रभावशाली है, जिसे 108 श्लोकों के रूप में पढ़ा जाता है।
गणेश पूजा में मंत्र का जाप करते समय इन बिंदुओं का ध्यान रखें:
1. शुद्ध स्थान पर पूजा करें – पवित्र स्थान पर बैठकर पूजा करने से मन की एकाग्रता बनी रहती है।
2. शुद्धता बनाए रखें – शारीरिक और मानसिक शुद्धता से पूजा का फल बढ़ता है।
3. सच्चे मन से आहुति दें – गणेश जी को ताजे फूल, दुर्वा, या मोदक अर्पित करें और श्रद्धा से उनका स्मरण करें।