लखनऊ, कैनविज टाइम्स संवाददाता। ट्रेडों से जुड़े व्यापारिक प्रतिष्ठानों एवं अन्य ट्रेडों को लाइसेंस शुल्क के दायरे में लाने के नगर निगम के फैसले का लखनऊ व्यापार मंडल घोर विरोध करता है, जिसको लेकर लखनऊ व्यापार मंडल की एक बैठक राजाजीपुरम स्थित दरोगा खेड़ा में संपन्न हुई। जिसमें व्यापारियों ने कहा कि ट्रेडों से जुड़े व्यापारिक प्रतिष्ठानों एवं अन्य ट्रेडों को लाइसेंस शुल्क के दायरे में लाने के नगर निगम के फैसले का लखनऊ व्यापार मंडल घोर विरोध करता है। नगर निगम लखनऊ द्वारा एक बार फिर व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में मनमानी ढंग से शुल्क की वृद्धि एवं अन्य तमाम व्यापारिक ट्रेडों को लाइसेंस शुल्क के दायरे में लाने की साजिश की जा रही है। यह वही तुगलकी फरमान है जिसे गत वर्ष व्यापारियों के ऐतिहासिक विरोध के बाद सांसद राजनाथ सिंह एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा के हस्तक्षेप से वापस लेना पड़ा था। इसके बावजूद नगर निगम का पुनः वही जनविरोधी एजेंडा सामने लाना घोर निंदनीय है। इस मौके पर लखनऊ व्यापार मंडल अध्यक्ष अमरनाथ मिश्र ने बताया कि नगर निगम को स्पष्ट चेतावनी व्यापार मंडल कि है यदि यह प्रस्ताव तत्काल प्रभाव से वापस नहीं लिया गया, तो संपूर्ण लखनऊ में दुकानें बंद करेगा, सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगा और सामूहिक गिरफ्तारी देगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी नगर निगम की होगी। उन्होंने कहा कि आज की वास्तविकता यह है कि शहर के बाजार बदहाल हैं, न सीवर की व्यवस्था है, न पीने के पानी की, न साफ-सफाई और न ही पार्किंग की कोई ठोस व्यवस्था है। इसके बावजूद व्यापारियों से लाइसेंस शुल्क के नाम पर लूट की जा रही है। बिना सुविधा दिए टैक्स वसूलना इंस्पेक्टर राज है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वरिष्ठ महामंत्री पवन मनोचा ने बताया कि वर्षों से ई कामर्स नीति बनाने की मांग की जा रही है इस पर कोई कार्यवही नहीं है। महामंत्री उमेश शर्मा ने कहा कि नगर निगम द्वारा जारी किए जा रहे तुगलकी फरमान व्यापारी समाज के सब्र की अंतिम सीमा को तोड़ रहे हैं। यदि यह अन्याय बंद नहीं हुआ, तो व्यापारी अपनी दुकानों के शटर गिराकर सड़कों पर बैठेंगे और गिरफ्तारी देंगे। वहीं मौजूद व्यापारियों ने कहा कि यह केवल चेतावनी नहीं, बल्कि अंतिम एलान है। यदि नगर निगम ने शीघ्र ही अपना फैसला वापस नहीं लिया, तो व्यापक आंदोलन, नगर निगम का घेराव और अनिश्चितकालीन दुकान बंदी की जाएगी। इस मौके पर मुख्य रूप से अध्यक्ष अमरनाथ मिश्र, उमेश शर्मा, अनुराग मिश्र, विधानसभा महामंत्री सुशील तिवारी, रामशंकर राजपूत, सौरभ शर्मा, अरुण निगोतिया, बबलू गुप्ता, गोपाल गुप्ता, राधे राधे, पिंटू गुप्ता, लल्लन यादव, राजकुमार, गंगा प्रसाद, गुलशन सचदेवा, अनूप द्विवेदी, दीपक सहगल, दीपू यादव, अमित मिश्रा, सुधीर अवस्थी, राजेश कश्यप, राजेश गुप्ता व ओमी प्रजापति के साथ सैकड़ो व्यापारियों ने विरोध किया।

