कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क।जया एकादशी 2025, हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, 14 जनवरी को मनाई जाएगी। यह विशेष एकादशी भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना का महत्वपूर्ण दिन है। एकादशी का व्रत धर्मशास्त्रों में पुण्य देने वाला और भक्तों के समस्त पापों का नाश करने वाला माना जाता है। विशेष रूप से इस दिन मां तुलसी का पूजन और उनके मंत्रों का जाप बेहद प्रभावशाली माना जाता है।
जया एकादशी के महत्व:
जया एकादशी का नाम ‘जया’ शब्द से लिया गया है, जो विजय और सफलता का प्रतीक है। इस दिन विशेष रूप से भक्त भगवान विष्णु के साथ-साथ तुलसी माता की पूजा करते हैं, ताकि जीवन में सफलता, समृद्धि और पवित्रता बनी रहे। इस दिन का व्रत रखने से पापों से मुक्ति, सुख-शांति, और विष्णु कृपा प्राप्त होती है।
तुलसी माता के मंत्रों का जाप:
मां तुलसी का पूजन और उनके मंत्रों का जाप इस दिन विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। कुछ प्रभावी मंत्र इस प्रकार हैं:
1. “ॐ श्री तुलसी देवाय नमः”
इस मंत्र का जाप करने से तुलसी माता की कृपा प्राप्त होती है और भक्त का जीवन सुखमय होता है।
2. “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”
यह भगवान विष्णु का मंत्र है। इसके जाप से विष्णु कृपा प्राप्त होती है और हर बाधा से मुक्ति मिलती है।
3. “तुलसी शरणं गच्छ”
इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को तुलसी माता की विशेष कृपा मिलती है, और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन होते हैं।
जया एकादशी का व्रत:
इस दिन विशेष रूप से उपवास रखने का महत्व है। उपवास के दौरान भक्त केवल फलाहार करते हैं और अपने मन, वचन, और क्रिया से भगवान विष्णु और मां तुलसी का ध्यान करते हैं। साथ ही, तुलसी के पौधे को पानी देकर और उसकी पूजा करके भक्त उसे सम्मानित करते हैं।
जया एकादशी के व्रत के लाभ:
1. पापों का नाश: जया एकादशी का व्रत सभी पापों को समाप्त करने वाला माना जाता है।
2. धन और समृद्धि: भगवान विष्णु की कृपा से घर में धन, सुख और समृद्धि बनी रहती है।
3. स्वास्थ्य लाभ: इस दिन व्रत रखने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
4. विष्णु कृपा: भगवान विष्णु के साथ-साथ तुलसी माता की कृपा भी जीवन में स्थिरता और विजय लाती है।