कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क।दिल्ली और बिहार विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है, जिससे राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। निर्वाचन आयोग ने दोनों राज्यों में चुनावी प्रक्रिया की शुरुआत के लिए चुनाव तारीखों की घोषणा की है, और अब सभी प्रमुख राजनीतिक दल अपनी चुनावी रणनीतियों पर जोर देने लगे हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव:
दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करते हुए चुनाव आयोग ने 25 फरवरी 2025 को मतदान और 28 फरवरी को नतीजों की घोषणा करने की जानकारी दी। इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच कड़ी टक्कर होने की संभावना है। कांग्रेस पार्टी भी दिल्ली में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए पूरी तैयारी में है।
मुख्य मुद्दे:
• महंगाई और बेरोजगारी के सवालों पर आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच कड़ी बहस हो सकती है।
• दिल्ली के प्रदूषण और स्वास्थ्य जैसे मुद्दे चुनावी प्रचार का हिस्सा बनेंगे।
• भाजपा और आप दोनों दल अपने विकास कार्यों और पार्टी नेतृत्व के आधार पर जनता से समर्थन मांगेंगे।
बिहार विधानसभा चुनाव:
बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान भी हो चुका है। बिहार में चुनाव 1 मार्च 2025 से शुरू होंगे और परिणाम 5 मार्च 2025 को घोषित किए जाएंगे। इस चुनाव में महागठबंधन और एनडीए के बीच प्रतिस्पर्धा देखने को मिल सकती है। आरजेडी, जेडीयू, और कांग्रेस महागठबंधन के रूप में चुनावी मैदान में हैं, जबकि भा.ज.पा. और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) एनडीए के हिस्से के रूप में चुनावी लड़ाई में शामिल हैं।
मुख्य मुद्दे:
• रोजगार और शिक्षा जैसे मुद्दे चुनावी बहस का केंद्र होंगे।
• विकास कार्यों और किसान अधिकारों पर दोनों प्रमुख गठबंधन प्रचार करेंगे।
• दलितों, महिलाओं, और युवाओं के मुद्दों को लेकर दोनों गठबंधन अपने-अपने वादों के साथ सामने आएंगे।
राजनीतिक दलों की तैयारी:
• दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने पहले ही अपने प्रचार अभियान की शुरुआत कर दी है, जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जनसभा और विकास कार्यों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
• भारतीय जनता पार्टी ने भी दिल्ली में अपना चुनावी अभियान तेज कर दिया है और पार्टी ने नरेन्द्र मोदी की चुनावी सभाओं का आयोजन किया है।
• कांग्रेस पार्टी दिल्ली में अपने संगठन को मजबूत करने और पिछले चुनावों में मिली हार से उबरने के लिए नए रणनीतियों पर काम कर रही है।
• बिहार में महागठबंधन अपने पिछले कार्यकाल के वादों के साथ चुनावी मैदान में उतरेगा, वहीं एनडीए ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भा.ज.पा. के विकास कार्यों पर जोर दिया है।
चुनाव की चुनौती:
दोनों राज्यों में चुनावी तैयारी के बीच प्रमुख चुनौती नए वोटरों और युवाओं को आकर्षित करना होगा, जो पिछले चुनावों में अपेक्षाकृत कम मतदान करते थे। इसके साथ ही, महंगाई, कृषि संकट, और सुरक्षा मुद्दों जैसे राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय मुद्दे भी चुनावी नतीजों पर असर डाल सकते हैं।
दिल्ली और बिहार विधानसभा चुनावों का ऐलान हो चुका है और अब सभी राजनीतिक दल अपनी रणनीति पर काम कर रहे हैं। अगले कुछ हफ्तों में चुनाव प्रचार तेज होने की संभावना है, और यह चुनाव भारतीय राजनीति के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं। मतदाता, जो अपनी आवाज़ उठाने के लिए तैयार हैं, उनका समर्थन पाने के लिए पार्टियां अपनी पूरी ताकत लगा रही हैं।