कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। दिल्ली पुलिस को आगामी विधानसभा चुनावों में एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है, खासकर राजनीतिक पार्टियों के बीच बढ़ते आरोप-प्रत्यारोप के बीच। आम आदमी पार्टी (AAP) ने भाजपा पर दिल्ली पुलिस के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए इसे चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी कर ली है। AAP ने कहा कि भाजपा ने दिल्ली पुलिस को अपनी राजनीतिक दवाब की रणनीति का हिस्सा बना लिया है और इसका इस्तेमाल विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने के लिए किया जा रहा है।
AAP का आरोप:
आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कहा कि भाजपा अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रही है। AAP ने कहा कि यह गंभीर मामला है और दिल्ली पुलिस को पूरी तरह से निष्पक्ष रहकर अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए, न कि किसी राजनीतिक दल के दबाव में आकर काम करना चाहिए। AAP ने यह भी दावा किया कि भाजपा के नेताओं की मदद से पुलिस के कुछ अधिकारी विपक्षी नेताओं को परेशान कर रहे हैं, जो लोकतंत्र की नींव को कमजोर करने वाला है।
चुनावी मुद्दा बनेगा पुलिस का दुरुपयोग:
AAP ने चेतावनी दी कि अगर दिल्ली पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल उठते रहे, तो यह चुनावी मुद्दा बनेगा। पार्टी के नेताओं का कहना है कि यदि चुनाव के दौरान पुलिस का दुरुपयोग नहीं रोका गया, तो इसका असर दिल्लीवासियों के विश्वास पर पड़ेगा और लोकतंत्र की प्रक्रियाएं प्रभावित हो सकती हैं। पार्टी ने कहा कि वे इस मुद्दे को हर स्तर पर उठाएंगे, चाहे वह चुनाव आयोग के सामने हो या जनता के बीच।
भाजपा की प्रतिक्रिया:
भाजपा ने AAP के आरोपों को खारिज किया है। पार्टी के नेताओं ने कहा कि दिल्ली पुलिस पूरी तरह से स्वतंत्र है और सभी के लिए एक समान काम करती है। उन्होंने AAP के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए इसे चुनावी शिगूफा करार दिया और कहा कि यह केवल ध्यान भटकाने की कोशिश है।
दिल्ली पुलिस की भूमिका:
इस बीच, दिल्ली पुलिस ने भी यह स्पष्ट किया कि वे अपने कर्तव्यों का पालन करने में पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और किसी भी तरह की राजनीति से बाहर रहकर काम करेंगे। पुलिस ने अपनी स्वतंत्रता और निष्पक्षता को बनाए रखने का वादा किया है और कहा है कि वे किसी भी प्रकार की बाहरी दबाव के बिना कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए काम करेंगे। दिल्ली में आगामी चुनावों के दौरान यह मुद्दा और भी गरमाएगा, क्योंकि दोनों प्रमुख दल अपनी-अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए इस पर तर्क-वितर्क करेंगे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली पुलिस किस तरह इस मुद्दे पर अपनी निष्पक्षता साबित करती है और राजनीतिक दल इसे कैसे अपनी रणनीतियों में शामिल करते हैं।