कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने जिस तेज़ी और सख्ती से एक्शन लिया है, उससे पाकिस्तान दबाव में नजर आ रहा है। भारतीय सेना द्वारा जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशनों और नियंत्रण रेखा (LoC) पर सख्त प्रतिक्रिया के बाद पाकिस्तान की रणनीति बदलती दिख रही है।
पाकिस्तानी समाचार चैनल 'डॉन' की रिपोर्ट के मुताबिक, पाक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पाक मिलिट्री अकादमी, काकुल में पासिंग-आउट परेड के दौरान कहा कि “पहलगाम की घटना दोषारोपण का एक और उदाहरण है, जिसे अब बंद किया जाना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान हर प्रकार की निष्पक्ष जांच के लिए तैयार है।
पाक पीएम का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत ने TRF (The Resistance Front) के आतंकियों पर कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है और अब तक 6 आतंकियों के घर गिराए जा चुके हैं। साथ ही भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी पाकिस्तान की आतंकवाद के प्रति नीति पर सवाल उठाए हैं।
भारत के कड़े फैसलों से बौखलाया पाक
शहबाज शरीफ का 'शांति' वाला चेहरा
पाकिस्तानी न्यूज चैनल डॉन के मुताबिक, काकुल स्थित पाक मिलिट्री अकादमी में पासिंग-आउट परेड को संबोधित करते हुए पाक पीएम शहबाज शरीफ ने कहा:
"पहलगाम में हुई हालिया घटना इस निरंतर दोषारोपण के खेल का एक और उदाहरण है, जिसे पूरी तरह से बंद किया जाना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक जिम्मेदार देश की भूमिका निभाते हुए किसी भी तटस्थ, पारदर्शी और विश्वसनीय जांच में भाग लेने को तैयार है।
सिंधु जल संधि को लेकर भड़का पाकिस्तान
भारत की ओर से सिंधु जल संधि को समाप्त करने की दिशा में लिए गए निर्णय को पाकिस्तान ने बेहद गंभीरता से लिया है। इस पर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा:
"पाकिस्तान के पानी को कम करने या मोड़ने की किसी भी कोशिश का पूरी ताकत से जवाब दिया जाएगा।"
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि पाकिस्तान किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए तैयार है और यह देश 240 मिलियन लोगों का है जो अपनी बहादुर सेना के साथ खड़े हैं।
शहबाज ने यह भी कहा:
"शांति हमारी प्राथमिकता है, लेकिन हम अपनी अखंडता और सुरक्षा पर कभी समझौता नहीं करेंगे। यह संदेश जोरदार और स्पष्ट होना चाहिए।"
बिलावल भुट्टो का उग्र बयान: 'या पानी बहेगा या खून'
प्रधानमंत्री के बयान से पहले पाकिस्तानी नेता बिलावल भुट्टो ने एक उकसाऊ और उग्र बयान दिया। सिंध प्रांत के सखर में सिंधु नदी के किनारे आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा:
"सिंधु दरिया हमारी थी, है और रहेगी। या तो इस नदी में पानी बहेगा या फिर उसका खून, जो हमारी हिस्सेदारी छीनना चाहता है।"
यह बयान उस समय आया है जब भारत द्वारा लिए गए निर्णायक फैसलों ने पाकिस्तान को कूटनीतिक और रणनीतिक रूप से घेराबंदी की स्थिति में ला दिया है।