कैनवीज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। हाल ही में शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन में स्थिति तनावपूर्ण हो गई, जब पुलिस ने ड्रोन का इस्तेमाल कर किसानों पर आंसू गैस के गोले फेंके। इस घटना में कई किसान घायल हो गए, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। किसान दिल्ली कूच के लिए शंभू बॉर्डर पर इकट्ठा हुए थे और जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो झड़पें शुरू हो गईं। इस दौरान, पुलिस ने स्थिति को काबू में करने के लिए ड्रोन के माध्यम से आंसू गैस के गोले फेंके, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई।
आंसू गैस के गोले फेंके जाने के बाद कई किसान चपेट में आकर घायल हो गए। घायल किसानों को तत्काल इलाज की आवश्यकता थी, लेकिन एंबुलेंस की कमी ने स्थिति को और भी जटिल बना दिया। कई घायल किसानों को अस्पताल पहुँचाने के लिए पर्याप्त एंबुलेंस उपलब्ध नहीं थीं, जिससे उनकी हालत बिगड़ने का डर पैदा हो गया।
किसान नेताओं ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और सरकार पर आरोप लगाया कि वह आंदोलनकारियों के साथ हिंसा के रूप में व्यवहार कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि ड्रोन से आंसू गैस के गोले फेंकने का तरीका बेहद खतरनाक है, जिससे न सिर्फ किसानों को चोटें आईं, बल्कि यह शांति से विरोध करने का अधिकार भी छीनने जैसा है। इस दौरान, पुलिस ने आरोप लगाया कि किसानों ने कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ने की कोशिश की, जिसके बाद उन्हें इस तरह की कार्रवाई करनी पड़ी। हालांकि, यह घटना किसानों के बीच आक्रोश और बढ़ा गई और अब यह आंदोलन और उग्र हो सकता है। किसान नेताओं ने सरकार से घायल किसानों को तत्काल चिकित्सा सहायता देने की अपील की है और साथ ही इस प्रकार की कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। वे कहते हैं कि जब तक सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं करती, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा।
शंभू बॉर्डर पर कई और किसान हुए घायल है। जिन्हें राजपुरा के सिविल अस्पताल ले जाया गया। किसानों को अस्पताल ले जाने के लिए प्रशासन के पास एम्बुलेंस भी खत्म हो गई। अब किसान अपनी प्राइवेट गाड़ियों से घायलों को अस्पताल ले जाने को मजबूर है।
अंबाला के एसपी ने कहा कि किसान अनुमति लेकर आगे बढ़ें। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का हवाला दिया। एसपी ने कहा कि अनुमति होने पर पुलिस खुद छोड़कर आएगी। उन्होंने किसानों से कानून का पालन करने की बात कही।
गंभीर रूप से घायल हुए 9 किसान
शंभू बॉर्डर पर पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ आगे बढ़ने का प्रयास करते हुए 9 किसान गंभीर रूप से घायल हो गए है। पुलिस 200 मीटर तक पानी की बौछार कर रही प्रयोग है। आंसू गैस के गोले और अन्य प्रकार के गोलों का प्रयोग किया जा रहा है।
एएनआई से बाचतीत में पंढेर ने कही ये बात
इस बीच, किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंढेर ने घोषणा की कि 101 किसानों का एक जत्था शनिवार को दोपहर में हरियाणा के शंभू सीमा बिंदु से दिल्ली कूच करने के लिए एक बार फिर प्रयास करेगा।
किसान नेता ने कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आज केंद्र के साथ बातचीत की प्रतीक्षा में अपने 307वें दिन में पहुंच गया है और उन्होंने देश के लोगों से आंदोलन के लिए देशव्यापी समर्थन पर जोर दिया।
एएनआई से बात करते हुए सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसानों का विरोध अब अपने 307वें दिन में प्रवेश कर चुका है। आज दोपहर तक 101 किसानों का हमारा तीसरा जत्था दिल्ली के लिए रवाना होगा। पूरा देश हमारे साथ
जुड़ा हुआ है और विरोध का समर्थन कर रहा है, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री इस बारे में चुप हैं और इस विषय से दूरी बनाए हुए हैं।
पंढेर ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री भी विरोध के बारे में नहीं बोल रहे हैं और जिस तरह से भाजपा सांसद 'बयानबाजी' कर रहे हैं, उससे समुदायों में विभाजन पैदा होने वाला है।
सरकारी एजेंसियां यह सुनिश्चित करने की पूरी कोशिश कर रही हैं कि 'मोर्चा' जीत न पाए। वे यह साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि अगर पंजाब और हरियाणा के सभी लोग एक साथ आ भी जाएं, तो भी मोर्चा जीत नहीं सकता।
मांगों को पूरा करने के लिए दवाब बना रहे हैं किसान
किसानों के आंदोलन में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से व्यापक भागीदारी देखी गई है। दिल्ली की सीमाओं के पास विरोध स्थल प्रतिरोध के केंद्र बन गए हैं, जहां हजारों किसान खराब मौसम की स्थिति के बावजूद अस्थायी व्यवस्था में डेरा डाले हुए हैं।
जैसे-जैसे विरोध प्रदर्शन जोर पकड़ता जा रहा है, किसान अपनी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए तीव्र प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। गौरतलब है कि किसान 12 मांगों का एक चार्टर मांग रहे हैं, जिसमें राज्य और केंद्र सरकार द्वारा फसलों के लिए एमएसपी को पूरा करना भी शामिल है।