कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने हाल ही में घोषणा की कि उनकी पार्टी आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में अकेले ही मुकाबला करेगी। यह फैसला तब लिया गया जब बीजेपी ने उनकी पार्टी को चुनावी गठबंधन में शामिल करने के लिए कोई ठोस प्रस्ताव नहीं दिया।
पार्टी की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि जीतन राम मांझी और उनकी पार्टी ने भाजपा से दिल्ली चुनाव में सहयोग का आग्रह किया था, लेकिन बीजेपी ने उनकी पार्टी को तवज्जो नहीं दी। इसके बाद, HAM ने यह फैसला लिया कि वह दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी ताकत अकेले दिखाएगी।
पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं का कहना है कि दिल्ली में जो सियासी हालात बन रहे हैं, उन्हें देखते हुए उन्होंने अपने चुनावी रास्ते का निर्धारण किया है। जीतन राम मांझी का मानना है कि उनकी पार्टी को दिल्ली में भी एक मौका मिलना चाहिए, खासकर तब जब उनकी पार्टी बिहार और अन्य राज्यों में सामाजिक न्याय और पिछड़ा वर्ग के अधिकारों की रक्षा करने में सफल रही है।
दिल्ली चुनाव में अकेले उतरने का निर्णय मांझी की पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि दिल्ली में मुख्य मुकाबला आम आदमी पार्टी (AAP) और बीजेपी के बीच होता है। हालांकि, HAM पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह दिल्ली के लोगों को अपने चुनावी दृष्टिकोण और मुद्दों से जुड़ी जानकारी देंगे और चुनावी मैदान में पूरी ताकत के साथ उतरेगी। HAM पार्टी का उद्देश्य दिल्ली में समाज के विभिन्न वर्गों, विशेषकर ओबीसी, दलित और पिछड़े वर्गों को अपनी ओर आकर्षित करना है। इस फैसले से यह भी स्पष्ट है कि जीतन राम मांझी की पार्टी अब अपनी पहचान को और मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है।इस समय बीजेपी के साथ चुनावी गठबंधन का कोई संकेत न मिलने के कारण, जीतन राम मांझी का यह कदम उनके नेतृत्व में पार्टी के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा सकता है।