कैनवीज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। 12 दिसंबर 2024 को भारत ने संयुक्त राष्ट्र (UN) सुरक्षा परिषद में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश किया, जिसका उद्देश्य वैश्विक शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देना है। यह प्रस्ताव विशेष रूप से दुनिया में बढ़ते आतंकवाद, असमाजिकता और भू-राजनीतिक तनावों के संदर्भ में पेश किया गया है। भारत ने इस प्रस्ताव के माध्यम से कई अहम मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया, जिनमें आतंकवाद के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, सीमा पार आतंकवाद की समस्या, और मानवाधिकारों की सुरक्षा शामिल हैं।
प्रमुख बिंदु:
1. आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता:
भारत ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि यह केवल एक देश का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह सभी देशों के लिए खतरा है। भारत ने यह स्पष्ट किया कि आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के लिए संयुक्त राष्ट्र को एक मजबूत और समन्वित रणनीति बनानी चाहिए। खासकर सीमा पार आतंकवाद और आतंकवादियों को समर्थन देने वाले देशों पर दबाव डालने की आवश्यकता है।
2. संप्रभुता और अंतर्राष्ट्रीय कानून का सम्मान:
भारत ने इस प्रस्ताव में यह भी प्रस्तावित किया कि सभी देशों को अपने संप्रभुता और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का सम्मान करना चाहिए। यह सुरक्षा परिषद के लिए महत्वपूर्ण है कि वह किसी भी स्थिति में किसी भी देश की संप्रभुता का उल्लंघन न होने दे और सभी विवादों का हल शांतिपूर्ण तरीके से निकाले।
3. मानवाधिकार और सामाजिक न्याय:
भारत ने संयुक्त राष्ट्र से यह अपील की कि वह वैश्विक शांति और सुरक्षा के साथ-साथ मानवाधिकारों और सामाजिक न्याय के लिए भी कठोर कदम उठाए। शरणार्थियों के अधिकारों की सुरक्षा, महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा, और उन देशों में शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया, जहां संघर्ष जारी है।
4. जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और सुरक्षा:
भारत ने जलवायु परिवर्तन के वैश्विक प्रभाव को भी अपने प्रस्ताव में शामिल किया। भारत का कहना था कि जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न होने वाले प्राकृतिक आपदाओं और संसाधनों की कमी से तनाव और संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिससे वैश्विक शांति और सुरक्षा प्रभावित हो सकती है।
5. संयुक्त राष्ट्र सुधार की आवश्यकता:
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया। भारत का कहना था कि मौजूदा परिषद संरचना और प्रणाली में बदलाव की जरूरत है, ताकि यह 21वीं सदी के वैश्विक मुद्दों के प्रति अधिक संवेदनशील और उत्तरदायी हो सके।
भारत का नेतृत्व:
भारत के विदेश मंत्री ने प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए कहा कि वैश्विक शांति को बढ़ावा देने के लिए केवल शांति बनाने वाले प्रयासों के बजाय, शांति के लंबे समय तक बने रहने के लिए वास्तविक और ठोस कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से अपील की कि वह अपने संरचनात्मक सुधारों को तेजी से लागू करे और वैश्विक स्थिरता के लिए जरूरी नीतियां अपनाए।
प्रतिक्रिया और भविष्य की उम्मीदें:
संयुक्त राष्ट्र में भारत के इस कदम का स्वागत किया गया है, और कई देशों ने इसे सकारात्मक रूप से लिया है। हालांकि, कुछ देशों ने इस प्रस्ताव पर चिंताओं का इज़हार भी किया, विशेष रूप से उन देशों ने जिनका आतंकवाद को लेकर दृष्टिकोण अलग है। फिर भी, भारत के इस प्रस्ताव से उम्मीद की जा रही है कि यह संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक शांति और सुरक्षा के प्रयासों को एक नई दिशा देगा और दुनिया भर में शांति बनाए रखने में सहायक होगा।
भारत का यह कदम यह दर्शाता है कि वह अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपनी भूमिका को और मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है और वैश्विक मामलों में सक्रिय रूप से भागीदारी निभा रहा है।