कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में आयोजित होने वाले महाकुंभ में इस बार कुछ ऐसा खास देखने को मिल रहा है। धार्मिक आस्था के इस महान अवसर पर कई संत और बाबा भारत के अलग-अलग हिस्सों से अपनी यात्रा पर निकले हैं। वे अपनी यात्रा को अलग-अलग वाहनों से तय कर रहे हैं, जो सोशल मीडिया और आम जनता के बीच चर्चा का विषय बन चुके हैं।
कुछ बाबा जहां अपनी यात्रा के लिए महंगी स्कार्पियों जैसी शानदार कारों का इस्तेमाल कर रहे हैं, वहीं कुछ बाबा तो एक करोड़ के महंगे ट्रैक्टर पर सवार हो कर महाकुंभ तक पहुंच रहे हैं। इन ट्रैक्टरों पर विशेष रूप से आरामदायक सीटिंग अरेंजमेंट और धार्मिक प्रतीक चिन्ह भी लगे होते हैं, जिससे इनका आकर्षण और भी बढ़ जाता है।
यह दृश्य खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिल रहे हैं, जहां संत महात्माओं का सम्मान बेहद उच्च होता है। इन बाबाओं की यात्रा में उनकी भव्यता और उनके साधारण से असाधारण यात्रा के साधन लोगों के बीच उत्सुकता और श्रद्धा का कारण बन गए हैं।
रबड़ी बाबा में भक्ति और मिठास का संगम
भगवती महाकाली के उपासक महंत देवगिरी जी महाराज, जिन्हें 'रबड़ी बाबा' के नाम से जाना जाता है, इस बार भी कुंभ में अपनी विशेष सेवा के लिए प्रसिद्ध हो रहे हैं। वह प्रतिदिन लगभग 130 लीटर दूध से रबड़ी बनाकर श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में वितरित करते हैं। वह इसमें बेहद कम चीनी डालते हैं ताकि कोई भी बिना किसी स्वास्थ्य चिंता के खा सकता है। वह कहते हैं कि देवी की कृपा से ही उन्हें यह सेवा करने की प्रेरणा मिली। कुंभ में आने वाले श्रद्धालु उनके आश्रम में बैठकर यह प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं।
एक करोड़ के ट्रैक्टर पर चलते हैं ट्रैक्टर बाबा
सनातन धर्म के प्रचार के लिए भारत भ्रमण पर निकले ट्रैक्टर बाबा अपने अनोखे वाहन के कारण चर्चा में हैं। उन्हें एक विशेष ट्रैक्टर उपहार में मिला था, जिसकी कीमत लगभग एक करोड़ रुपये है। इस ट्रैक्टर में हवाई जहाज के टायर लगे हैं, और इसी वाहन से वे पूरे भारत का भ्रमण कर रहे हैं। उनका उद्देश्य लोगों को सनातन धर्म के प्रति जागरूक करना और धर्म का प्रचार-प्रसार करना है। नाम पूछने पर वह स्वयं को ‘रमता जोगी’ कहते हैं।