कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क।तिथि: अमावस्या
वार: शनिवार (मौनी अमावस्या)
महत्त्व: मौनी अमावस्या पर विशेष रूप से पितरों को तर्पण करने का महत्व है। इस दिन को पितृ तर्पण और पितृ दोष निवारण के लिए बेहद खास माना जाता है।
पूजा विधि:
1. स्नान और व्रत: मौनी अमावस्या के दिन प्रात:काल सूर्योदय से पहले पवित्र नदी में स्नान करें या घर में पवित्र जल से स्नान करें।
2. मौन व्रत: इस दिन मौन रहकर पितरों के नाम का जाप करना चाहिए। इससे मानसिक शांति मिलती है और पितृ दोष दूर होता है।
3. तर्पण: तर्पण के लिए ताजा जल, तिल, आटे की लोई, फूल और अन्य सामग्रियों का उपयोग करें। पितरों को यह सामग्री अर्पित करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
4. श्राद्ध: इस दिन घर के पितरों के लिए श्राद्ध करें और पितृ देवताओं का पूजन करें।
5. दान और तर्पण: इस दिन दान का विशेष महत्व है। जरूरतमंदों को वस्त्र, अन्न या पैसे दान करें।