कैनविज टाइम्स,राजनीतिक डेस्क।भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) और कांग्रेस के बीच यूएसएड (USAID) की फंडिंग को लेकर तीव्र विवाद उत्पन्न हुआ है। भा.ज.पा. ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं ने यूएसएड से धन प्राप्त किया है, जिससे भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा मिला है।
भा.ज.पा. के आरोप:
• निशिकांत दुबे का बयान: भा.ज.पा. के सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में कहा कि कांग्रेस ने राजीव गांधी फाउंडेशन और सैम पित्रोदा की संस्थाओं को यूएसएड से धन प्राप्त किया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जॉर्ज सोरोस की ओपन सोसाइटी फाउंडेशन को भी यूएसएड से 5,000 करोड़ रुपये मिले हैं, जो भारत को विभाजित करने के लिए उपयोग किए गए। 
• तालिबान को फंडिंग: दुबे ने यह भी सवाल उठाया कि क्या यूएसएड ने तालिबान को धन दिया है, और क्या कांग्रेस ने ऐसे संगठनों को समर्थन दिया है।
कांग्रेस का प्रतिवाद:
• कांग्रेस का खंडन: कांग्रेस ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि भा.ज.पा. राजनीतिक लाभ के लिए झूठी जानकारी फैला रही है। कांग्रेस के नेताओं ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि पार्टी ने हमेशा देशहित में काम किया है।
यूएसएड की भूमिका:
• यूएसएड का उद्देश्य: यूएसएड (United States Agency for International Development) अमेरिकी सरकार की एक एजेंसी है, जिसका उद्देश्य विकासशील देशों में सहायता प्रदान करना है। यह एजेंसी शिक्षा, स्वास्थ्य, और आर्थिक विकास जैसे क्षेत्रों में काम करती है।
• फंडिंग की प्रकृति: यूएसएड की फंडिंग आमतौर पर गैर-लाभकारी संगठनों, शैक्षिक संस्थानों, और सरकारी परियोजनाओं के माध्यम से होती है, जो विकासात्मक कार्यों में संलग्न होते हैं।