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लग्जरी बसों के छत पर सामान,तो खतरे में यात्रिओ की जान,फिर भी जिला प्रशासन बना अंजान..

यूपी
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kanwhiz Times
  • Updated: April 16, 2025

कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क । कश्मीरी गेट से गोंडा के बीच चलने वाली लंबी दूरी की लग्जरी बसें मुसाफिरों की जान जोखिम में डाल रही हैं।इन बसों में छत पर काफी सामान लाद लिया जाता है।बसों का इस्तेमाल ट्रक जैसे हो रहा है।सामान लाद लेने से बसों की ऊंचाई औसत से ज्यादा हो जाती है और इनके पलटने का खतरा होता है।लेकिन,जिला परिवहन विभाग इन बसों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।यही नहीं,ऊपर बिजली के तार से टच होने से अक्सर बसों में करंट उतरने और आग लगने की संभावना होती है।ऐसे ही समान लाद कऱ लग्जरी बस 2012 में बिहार रूट की एक बस इसी तरह हादसे का शिकार हुई थी।दिल्ली से गोण्डा तक चलने वाली यात्री बसों से माल ढुलाई का भी काम लिया जाता है,जबकि,ये परिवहन विभाग के नियमों का खुल्लमखुल्ला उल्लंघन है।कारोबारियों को बस से सामान भेजना सस्ता पड़ता है।मिनी ट्रक के जरिए सामान भेजने पर भाड़ा,जीस टी बिल के तौर पर कारोबारियों को ज्यादा रुपये खर्च कर ने पड़ते हैं ट्रांसपोर्टर राजवीर बताते हैं कि कश्मीरी गेट  दिल्ली से गोण्डा तक का ट्रक का भाड़ा आठ हजार रुपये प्रति टन है।इस लिहाज से सौ किलो के एक बोरे या पैकेट का भाड़ा आठ सौ रुपये तक पड़ता है।इसलिए,पैसा बचा ने और जीएसटी चोरी करने के लिए कारोबारी बसों पर माल लाद कर ले जाते हैं।अमूमन बसों की ऊंचाई 10.5 फीट होती है।स्लीपर होने से इसकी ऊंचाई 3.5 फीट तक बढ़ जाती है।इस तरह लंबी दूरी की इन बसों की ऊंचाई पहले से ही सामान्य से बढ़ कर चौदह फीट तक हो जाती है।एक तो करेला दूसरे नीम चढ़ा वाली कहावत इन बसों पर चरितार्थ हो रही है।इन बसों की छत पर सामान लाद देने से इनकी ऊंचाई 17  फीट तक पहुंच जाती है और हाद से की संभावना बढ़ जाती है।वही जिला प्रशासन से लेकर पुलिस प्रशासन पर सवाल उठना लाजिमी है कि दिल्ली से गोण्डा के बीच क्या वाणिज्य विभाग और परिवहन विभाग कुंभकर्णी के नींद में सो गया है कि जिन लग्जरी बसों से यात्रियों को बैठने के साथ-साथ बड़े-बड़े पार्सल के बोरे ढो ये हुए जा रहे हैं और जिला प्रशांत अनजान बना हुआ है। या फिर बड़ी घटना का इंतजार कर रहा है।

 दिल्ली से माल लादने में जीएसटी चोरी

संवाददाता ने बसों पर लदने वाले सामान के भाड़े का पता लगाने के लिए काउंटर पर संपर्क किया।उनसे पूछा गया कि गोण्डा के लिए बिजली(इलेक्ट्रॉनिक) सामान और कप ड़े के चार नग बिना बिल के है कितना पैसा लगेगा तो वहाँ पर मौजूद एक व्यक्ति ने बताया कि छोटे नग के पांच सौ रुपए और बड़े नग के एक हजार रूपए लगते है और आप को सुबह यह मनकापुर बस स्टैंड एसमय स्कूल के पास गोदाम से मिल जाएगा।

लग्जरी बसों को नहीं मिली माल ढुलाई की परमिट

इन लग्जरी बसों को माल ढुलाई की परमिट नहीं मिली है। इसके बाद भी जिला परिवहन विभाग इन पर कोई कार्रवा ई नहीं करता है।इन लग्जरी बसों को परिवहन विभाग के नियमों का मजाक उड़ाने की छूट है।बस अधिकारी साल में एक बार अपना कोरम पूरा करने के लिए छापामारी क रते हैं और प्रति बस हजार,पांच सौ रुपये तक का जुर्माना कर कागजी कार्रवाई पूरी कर देते हैं।
 

 

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