कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क।शनि देव को न्याय के देवता माना जाता है और उनका प्रभाव जीवन के विभिन्न पहलुओं में महत्वपूर्ण होता है। जब शनि ग्रह खराब स्थिति में होते हैं, तो व्यक्ति को कई प्रकार की परेशानियाँ और कष्टों का सामना करना पड़ता है। शनि के प्रतिकूल प्रभाव को शांत करने के लिए शनिवार का दिन विशेष रूप से महत्व रखता है, क्योंकि यह शनि देव का दिन होता है। इस दिन विशेष रूप से शनि चालीसा का पाठ करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
शनि चालीसा का महत्व:
शनि चालीसा में 40 पंक्तियाँ होती हैं, जो शनि देव की महिमा, उनकी शक्ति और उनके द्वारा प्रदान किए गए आशीर्वाद के बारे में हैं। यह चालीसा शनि के दोषों को नष्ट करने, उनकी कृपा प्राप्त करने और जीवन में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए पढ़ी जाती है। शनि चालीसा का नियमित पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि, और सुख-शांति का वास होता है।
शनि चालीसा का पाठ करने के लाभ:
1. शनि के कष्टों से मुक्ति: अगर शनि ग्रह आपकी कुंडली में अशुभ स्थिति में हैं या शनि महादशा या साडेसाती के दौर से गुजर रहे हैं, तो शनि चालीसा का नियमित पाठ करने से शनि के कष्टों से मुक्ति मिलती है और जीवन में आने वाली परेशानियों का निवारण होता है।
2. व्यक्तिगत समृद्धि में वृद्धि: शनि देव की पूजा और चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति की वित्तीय स्थिति में सुधार होता है। शनि के आशीर्वाद से धन और संपत्ति का आगमन होता है।
3. स्वास्थ्य में सुधार: शनि चालीसा का पाठ मानसिक और शारीरिक रूप से भी फायदा पहुंचाता है। यह तनाव और चिंता को दूर करता है, जिससे स्वास्थ्य में सुधार होता है।
4. रहते हैं मानसिक और आत्मिक शांति: शनि के प्रकोप से व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान हो सकता है, लेकिन शनि चालीसा का पाठ करने से मन में शांति आती है और व्यक्ति आत्मिक संतुलन महसूस करता है।
5. परिवारिक जीवन में सुख और समृद्धि: अगर परिवार में कलह या अशांति हो रही हो, तो शनि चालीसा का पाठ घर में सुख-शांति और सामंजस्य लाने में मदद करता है।
शनिवार को शनि चालीसा का पाठ कैसे करें:
1. स्नान और शुद्धता: शनिवार को सूर्योदय से पहले स्नान करें और शुद्ध हो जाएं। यह दिन की शुरुआत मानसिक और शारीरिक शुद्धता से करें।
2. शनि देव की पूजा: पूजा स्थल को स्वच्छ करके, शनि देव की प्रतिमा या चित्र रखें। शनि देव के सामने दीपक जलाएं और उनकी विशेष पूजा करें।
3. शनि चालीसा का पाठ: अब शनि चालीसा का पाठ करें। यह पाठ कम से कम 11 बार, 21 बार या 108 बार करें, जितना संभव हो। शनि चालीसा का पाठ करने से शनि देव की कृपा मिलती है और उनके कष्टों से मुक्ति मिलती है।
4. दान करें: शनि देव को तेल, काले तिल, लोहे की वस्तु, कंबल, और अन्य सामान दान में दें। यह दान शनि देव की कृपा को प्राप्त करने में मदद करता है।
5. मौन व्रत रखें: शनिवार के दिन मांसाहार और शराब से बचें, और केवल सात्विक आहार ग्रहण करें। यह शनि देव की पूजा में सहायक होता है।
शनि चालीसा का पाठ करते समय विशेष मंत्र:
शनि चालीसा के साथ-साथ शनि बीज मंत्र का जाप भी लाभकारी होता है। यह मंत्र है:
“ॐ शं शनैश्चराय नमः”
यह मंत्र शनि देव की कृपा को प्राप्त करने और शनि के कष्टों को दूर करने में मदद करता है।
शनिवार का दिन शनि देव की पूजा और शनि चालीसा का पाठ करने के लिए अत्यंत उपयुक्त होता है। यदि आप शनि चालीसा का नियमित रूप से पाठ करते हैं, तो आपके जीवन में आने वाले कष्टों का निवारण होगा और शनि देव की कृपा से आपका जीवन सुखी, समृद्ध और शांतिपूर्ण होगा। साथ ही, यह आपके स्वास्थ्य, धन और पारिवारिक जीवन में भी सुधार लाएगा।