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षटतिला एकादशी 2025: मां तुलसी की खास पूजा से भगवान विष्णु होंगे प्रसन्न

धर्म
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kanwhizz Times
  • Updated: January 16, 2025

कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क।2025 में षटतिला एकादशी 16 जनवरी को मनाई जाएगी। यह एकादशी विशेष रूप से मां तुलसी की पूजा और दान के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी कहते हैं। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा होती है और साथ ही तुलसी के साथ विशेष व्रत, पूजा, और दान का महत्व है।

षटतिला एकादशी का महत्व:
षटतिला एकादशी का नाम ‘षट’ (छह) और ‘तिला’ (तिल) से आया है, जो इस दिन तिल के साथ विशेष पूजा और दान करने की परंपरा को दर्शाता है। इस दिन तिल का दान, तिल से बने पदार्थों का सेवन और तिल से संबंधित व्रत पूजा का महत्व बहुत अधिक होता है। इसे विशेष रूप से पाप नाशक, धन की प्राप्ति और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

मां तुलसी की पूजा का महत्व:
षटतिला एकादशी पर विशेष रूप से मां तुलसी की पूजा की जाती है। तुलसी को भगवान विष्णु की प्रिय पत्नी और सर्वोत्तम भक्त माना जाता है। इस दिन तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाना और उसकी पूजा करना विशेष फलदायी होता है। यह पूजा न केवल धार्मिक पुण्य प्रदान करती है, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति भी लाती है।

पूजा विधि:
    1.    स्नान करके व्रत रखें: सुबह जल्दी उठकर नहाएं और व्रत का संकल्प लें। इस दिन उपवास रखना चाहिए, हालांकि कुछ लोग फलाहार भी कर सकते हैं।
    2.    तुलसी का पूजन: तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाएं और उसे जल, दूध, शहद, घी, तिल, और फूल अर्पित करें।
    3.    मंत्र का जाप करें:
    •    “ॐ श्रीं तुलसी व्रतयै नम:”
    •    “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”
इन मंत्रों का जाप करें।
    4.    तिल का दान करें: तिल, तिल के लड्डू, और तिल से बने अन्य पदार्थ ब्राह्मणों या गरीबों को दान करें।
    5.    भगवान विष्णु की पूजा: विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा करें और उन्हें तिल से बने पदार्थ अर्पित करें। इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ भी बहुत लाभकारी माना जाता है।
    6.    उपवास का पारण: अगले दिन (12 जनवरी को) उपवास का पारण करें, ताकि पूजा का संपूर्ण फल मिल सके।
 

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