कैनविज टाइम्स, धर्म डेस्क। संकष्टी चतुर्थी का पर्व भगवान गणेश को समर्पित होता है, जिसे विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता कहा जाता है। यह व्रत हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है, लेकिन साल में विशेष संकष्टी चतुर्थी तब मानी जाती है जब यह तिथि मंगलवार को आती है, जिसे ‘अंगारकी चतुर्थी’ कहा जाता है। 2025 में संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्त्व है, और इस दिन श्री गणेश जी की आरती करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
गणेश जी की आरती (श्री गणेश आरती):
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
जय गणेश…
एकदंत दयावंत चार भुजाधारी
माथे सिंदूर सोहे, मूसिक सवारी।
जय गणेश…
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा
लड्डूअन का भोग लगे, संत करें सेवा।
जय गणेश…
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।
जय गणेश…
सूर श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा
मात-पिता सहित मन में बसिए देवा।
जय गणेश…
इस आरती को श्रद्धा-भक्ति से संकष्टी चतुर्थी के दिन करने से भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है।