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संभल जाने से रोकने पर कांग्रेसियों और पुलिस में झड़प हुई; अजय राय ने कहा- प्रतिबंध हटने पर जाएंगे।

संभल
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Admin
  • Updated: December 2, 2024

यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय आज संभल जाने का प्रयास कर रहे थे, और उनके साथ कई कांग्रेस नेता भी वहां पहुंचे थे। हालांकि, पुलिस ने उन्हें पार्टी कार्यालय के गेट पर ही रोक लिया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने पुलिस और प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और हंगामा किया। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए दो पीएसी गाड़ियाँ भी मौके पर भेजी गईं।

पुलिस द्वारा रोकने के बाद कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हल्की झड़प भी हुई। कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय धरने पर बैठ गए, जबकि उनके समर्थक नारेबाजी करते हुए विरोध करते रहे। अजय राय ने कहा कि जब भी प्रतिबंध हटेगा, कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल संभल जरूर जाएगा और वहां की स्थिति का अपने स्तर पर आकलन करेगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनका दल यह खुलासा करेगा कि पुलिस और प्रशासन गलत रिपोर्ट क्यों प्रस्तुत करते हैं।

अजय राय ने पार्टी कार्यालय में स्थित गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और फिर वह संभल जाने के लिए निकले, लेकिन पुलिस ने उन्हें गेट पर ही रोक लिया। प्रशासन ने दस दिसंबर तक संभल जाने पर प्रतिबंध लगा रखा है। इससे पहले, समाजवादी पार्टी (सपा) के कई नेताओं को भी संभल जाने से रोका गया था, जिनमें सपा के विधानमंडल दल के नेता और प्रदेश अध्यक्ष शामिल थे, और कुछ सांसदों को भी वहां जाने नहीं दिया गया था।

कांग्रेस पार्टी ने अपनी ओर से संभल में मारे गए लोगों के परिवारों से मिलने का निर्णय लिया था और इसके लिए एक प्रतिनिधिमंडल तैयार किया था। इस दौरान पुलिस ने सुबह ही भारी संख्या में अपने बल को पार्टी कार्यालय के बाहर तैनात कर दिया था। साथ ही कार्यालय की ओर जाने वाले सभी मार्गों को भी सील कर दिया गया था।

सपा के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव ने संभल की घटना को सरकार द्वारा कराई गई सुनियोजित घटना करार दिया। उन्होंने कहा कि सपा को सरकार द्वारा गठित न्यायिक आयोग पर भरोसा नहीं है और उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान सीनियर न्यायाधीशों की निगरानी में इस मामले की जांच होनी चाहिए। शिवपाल यादव ने आरोप लगाया कि सरकार मुस्लिम समाज के लोगों का मनोबल गिराने का काम कर रही है और भाजपा सरकार प्रदेश में विकास की बजाय केवल दंगे कराने में लगी हुई है। उनका कहना था कि सरकार प्रदेश में भ्रष्टाचार और बेईमानी के मामले को नकार रही है और केवल झूठ बोलने का काम कर रही है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रदेश में महंगी बिजली दी जा रही है और जनता से अधिक वसूली की जा रही है। इसके अलावा, किसानों को खाद नहीं मिल रही है और कई जिलों में खाद की मांग कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज भी किया गया था। गन्ने का मूल्य भी नहीं बढ़ाया गया है। उनकी शिकायत थी कि भाजपा सरकार प्रदेश में विकास को बढ़ावा देने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है और इसका खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है।

इस दौरान, इफ्को निदेशक शीशपाल सिंह, जिला उपाध्यक्ष पदम सिंह, इकबाल कुरैशी, सुनील चौधरी और दिनेश तोमर जैसे नेता भी उपस्थित रहें i साथ ही, शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान 24 नवंबर को हुई हिंसा की पड़ताल के लिए गठित न्यायिक आयोग ने मामले की जांच शुरू कर दी है। तीन सदस्यीय आयोग के दो सदस्य रविवार को संभल पहुंचे और हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने अफसरों से जानकारी ली और मस्जिद कमेटी के सदस्यों से मुलाकात की। आयोग की टीम ने मस्जिद के आसपास पुलिस और भीड़ के बीच झड़प वाले क्षेत्रों का मुआयना किया। इसके बाद, टीम ने नखासा तिराहा और हिंदूपुरा खेड़ा इलाकों का भी दौरा किया और अधिकारियों से घटना से जुड़े तथ्यों की जानकारी ली।

आयोग के अध्यक्ष हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश देवेंद्र कुमार अरोड़ा और सदस्य पूर्व पुलिस महानिदेशक एके जैन ने इस दौरान हिंसा की घटना की जांच शुरू की। मंडल आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने कहा कि हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सबूत जुटाए जा रहे हैं और अब तक 400 लोगों की पहचान हो चुकी है।

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