कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
बुधवार को दिल्ली सिटीजन्स ग्रुप के साथ मिलकर दिल्ली-एनसीआर की जहरीली हवा के खिलाफ जंतर-मंतर पर सांस्कृतिक विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने मांग किया कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से तुरंत आपातकालीन कार्ययोजना लागू की जाए, सभी प्रदूषण स्रोतों को नियंत्रित करने के लिए वैज्ञानिक आधार पर दीर्घकालिक स्वच्छ हवा रणनीति बनाई जाए और सांस लेने के अधिकार को मौलिक अधिकार घोषित किया जाए।यह आयोजन संगीत, रैप, व्यंग्य, कविता और स्ट्रीट आर्ट के माध्यम से एक नए जन-आंदोलन का रूप ले गया, जिसका मुख्य उद्देश्य है- सांस लेने का अधिकार। प्रख्यात भारतीय बास गिटारवादक राहुल राम ने भी इस विरोध में शामिल होकर प्रस्तुति दी। एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा कि दिल्ली में लगातार बढ़ता वायू प्रदूषण हमारे जीवन और भविष्य के लिए खतरा है। करोड़ों लोग जहर जैसी हवा में सांस ले रहे हैं। वरुण चौधरी ने कहा कि दिल्ली लगातार घुट रही है प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है। एक्यूआई 500 के पार पहुंच चुका है और पीएम 2.5 स्तर डब्ल्यूएचओ मानकों से 50–100 गुना अधिक बना हुआ है। बच्चे सांस नहीं ले पा रहे, बुज़ुर्ग बेहोश हो रहे हैं और लाखों लोग दीर्घकालिक स्वास्थ्य क्षति का सामना कर रहे हैं, इसके बावजूद सरकारें न तो कोई आपातकालीन योजना प्रस्तुत कर पाई हैं और न ही दीर्घकालिक स्वच्छ हवा की रणनीति। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई इस आंदोलन को तब तक जारी रखेगी जब तक स्वच्छ हवा और 50 से कम एक्यूआई को मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता नहीं मिलती। आंदोलन के अंत में नागरिकों ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि जब तक दिल्ली को स्वच्छ हवा नहीं मिल जाती। वे हर रविवार एकत्र होकर कला, संस्कृति और जनशक्ति के माध्यम से इस आंदोलन को आगे बढ़ाते रहेंगे।
