कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। संसदीय समिति की बैठक में सोमवार को एक अहम फैसला लिया गया, जब एनडीए सदस्यों द्वारा प्रस्तावित सभी 14 संशोधनों को स्वीकार कर लिया गया। वहीं, विपक्षी सदस्यों द्वारा पेश किए गए सभी बदलावों को खारिज कर दिया गया। इस फैसले से विपक्षी दलों को बड़ा झटका लगा है, जिन्होंने इसे सरकार की पक्षधरता के रूप में देखा और लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं।
समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बैठक के बाद कहा कि इन संशोधनों से वक्फ कानून को अधिक प्रभावी और बेहतर बनाया जाएगा। उनका यह भी कहना था कि ये बदलाव वक्फ बोर्डों के कार्यों में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करेंगे, और इसका लाभ समाज के कमजोर वर्गों को मिलेगा।
हालांकि, विपक्षी सांसदों ने समिति की कार्यवाही की निंदा की और आरोप लगाया कि यह प्रक्रिया पूरी तरह से पक्षपाती थी। विपक्ष का कहना है कि सरकार ने जानबूझकर उनके सुझावों को नजरअंदाज किया, जिससे यह लगता है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को विकृत किया गया है। विपक्षी दलों का कहना है कि इस बिल में संशोधन से वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में असमानता और भ्रष्टाचार बढ़ सकता है।