कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने हाल ही में अयोध्या का दौरा किया, जहां उन्होंने भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण स्थल का दौरा किया और इस दौरान भगवान श्रीराम को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया। शुक्ला ने कहा कि “भगवान श्रीराम राष्ट्र की संस्कृति की धारा के महानायक हैं, और उनका योगदान हमारे देश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर में अनमोल है।” शिव प्रताप शुक्ला ने अयोध्या में स्थित श्रीराम जन्मभूमि पर पूजा-अर्चना की और वहां के मंदिर निर्माण कार्य का जायजा लिया। उन्होंने इस ऐतिहासिक स्थल को लेकर कहा, "भगवान श्रीराम का जन्मस्थान केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, नैतिकता और धरोहर का प्रतीक है।" उनका मानना है कि श्रीराम के आदर्शों ने भारतीय समाज को सशक्त किया और उनके कार्यों ने देश को एकता और भाईचारे का संदेश दिया।
भगवान श्रीराम के महान योगदान पर प्रकाश डाला
राज्यपाल ने अपने बयान में भगवान श्रीराम के आदर्शों पर प्रकाश डालते हुए कहा, "श्रीराम का जीवन सत्य, धर्म, और न्याय का प्रतीक है। उन्होंने जीवनभर दूसरों की भलाई के लिए काम किया और हर कठिनाई का सामना धैर्य और साहस से किया। उनके जीवन के प्रत्येक पहलू में हमें प्रेरणा मिलती है।"
उन्होंने यह भी कहा कि श्रीराम के आदर्शों को अनुसरण करते हुए हम अपने समाज को और बेहतर बना सकते हैं। उनके नेतृत्व के तहत ही भारतीय समाज ने अपने उच्चतम नैतिक और धार्मिक सिद्धांतों को अपनाया और पालन किया।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का महत्व
शिव प्रताप शुक्ला ने राम मंदिर के निर्माण को भारत के इतिहास का एक ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण क्षण बताया। उन्होंने कहा, "यह मंदिर हमारे लिए सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि यह हमारी संस्कृति, गौरव, और राष्ट्र की पहचान का प्रतीक है।"
राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया को लेकर शुक्ला ने कहा कि यह केवल एक भव्य निर्माण नहीं है, बल्कि यह हमारी आस्थाओं और विश्वासों की शक्ति का प्रतीक है। इसके निर्माण से लाखों भारतीयों की आस्थाओं को सम्मान मिलेगा और यह भारत की सांस्कृतिक एकता को प्रगाढ़ करेगा।