कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। खालिस्तान समर्थक और सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने पीलीभीत एनकाउंटर के बाद धमकी दी है कि "महाकुंभ में बदला लिया जाएगा।" इस वीडियो में पन्नू ने पीलीभीत जिले में हुए कथित पुलिस एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि पुलिस ने तीन निर्दोष नौजवानों को फर्जी मुठभेड़ में मार डाला है।
पन्नू ने इस वीडियो में 1991 के पीलीभीत मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि उसी जिले की पुलिस ने 11 निर्दोष सिखों को मार डाला था। उनका आरोप था कि अब फिर से हिंदू आतंकवाद के नाम पर यह निर्दोष सिखों को निशाना बना रहे हैं। पन्नू ने इसके बाद इन मारे गए युवकों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की और साथ ही यह चेतावनी दी कि "सिख जस्टिस इसका बदला जरूर लेगा।"
पन्नू ने इस वीडियो में महाकुंभ का जिक्र करते हुए कहा कि इस अवसर पर बदला लिया जाएगा। महाकुंभ, जो एक धार्मिक आयोजन है और लाखों की संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार या प्रयागराज में शामिल होते हैं, को लेकर पन्नू की यह धमकी गंभीर रूप से चिंताजनक मानी जा रही है। इस तरह के बयान केवल राजनीतिक और साम्प्रदायिक तनाव को बढ़ावा देते हैं, और ऐसे समय में यह विशेष रूप से संवेदनशील हो सकता है जब भारत में धार्मिक और जातीय उन्माद को लेकर पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति हो।
यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राजनीतिक हलकों में बहस छिड़ गई है। पन्नू का बयान एकतरफा और उत्तेजक है, जो न केवल सिख समुदाय के लिए बल्कि पूरे देश के लिए खतरे की घंटी हो सकता है। भारत में आतंकवाद और साम्प्रदायिक सौहार्द की स्थिति के मद्देनजर, ऐसे बयान सुरक्षा और शांति के लिए एक गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकते हैं। साथ ही, इस बयान को लेकर भारतीय सरकार और सुरक्षा एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं। उन्हें पन्नू के इस बयान की गंभीरता को समझते हुए इसे रोकने के लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता होगी। किसी भी प्रकार के असामाजिक तत्वों द्वारा किए गए ऐसे भड़काऊ बयान, हिंसा और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले हो सकते हैं, और देश में शांति बनाए रखने के लिए ऐसे तत्वों पर कड़ी नजर रखना जरूरी है।