कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। भारत और इंडोनेशिया के बीच रिश्तों में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है, क्योंकि दोनों देशों ने स्वास्थ्य, रक्षा और अन्य अहम क्षेत्रों में कई नए समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। इस पहल से भारत-इंडोनेशिया के द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का रास्ता साफ हुआ है, और यह एक स्पष्ट संदेश भी है कि दोनों देश एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने उच्च स्तरीय वार्ता के बाद कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इनमें प्रमुख रूप से स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए एक समझौता, रक्षा क्षेत्र में संयुक्त विकास और सैन्य सहयोग बढ़ाने के लिए एक समझौता, और दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई समझौते शामिल हैं।
स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग
भारत और इंडोनेशिया के बीच स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने के लिए एक अहम समझौता हुआ है। यह समझौता दोनों देशों के बीच मेडिकल उपकरणों, दवाओं और स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में सुधार लाने पर केंद्रित है। विशेषकर कोविड-19 महामारी के दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे की मदद की थी, और अब यह सहयोग स्थायी रूप से जारी रखने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
रक्षा क्षेत्र में समझौता
रक्षा क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच साझेदारी मजबूत हुई है। भारत और इंडोनेशिया ने संयुक्त सैन्य अभ्यास, रक्षा तकनीकी सहयोग और संयुक्त रक्षा परियोजनाओं को लेकर समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता इंडोनेशिया को भारत की रक्षा तकनीकी विशेषज्ञता का लाभ देने के साथ-साथ क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक मजबूत साझेदारी स्थापित करेगा।
चीन को संदेश
भारत और इंडोनेशिया के बढ़ते रिश्ते न केवल दो देशों के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह चीन को भी एक स्पष्ट संदेश देते हैं। क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के संदर्भ में दोनों देशों का सामूहिक कदम चीन के प्रभाव को संतुलित करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए, भारत और इंडोनेशिया का सहयोग एक रणनीतिक मजबूती का प्रतीक बनकर उभरा है।