कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में आधार कार्ड को जन्म प्रमाणपत्र के रूप में स्वीकार न करने का निर्णय लिया है। यह कदम फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्रों की बढ़ती घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है। उत्तर प्रदेश के नियोजन विभाग ने सभी सरकारी कार्यालयों और संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आधार कार्ड जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। महाराष्ट्र सरकार ने भी इसी दिशा में कदम उठाते हुए आधार कार्ड के आधार पर जारी किए गए विलंबित जन्म प्रमाणपत्र रद्द करने का फैसला किया है। राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बताया कि आधार कार्ड में जन्म तिथि का आधिकारिक प्रमाण नहीं होता, इसलिए इसे जन्म प्रमाणपत्र मानने से रोकना जरूरी है। इस फैसले के बाद, दोनों राज्यों में जन्म प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए अब माता-पिता को अन्य मान्य सरकारी दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।
