कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बुधवार को वायु सेना के एयरबेस अंबाला से लड़ाकू विमान राफेल में उड़ान भरकर इतिहास रचा दिया। उनके साथ ही वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने एक अन्य विमान में उड़ान भरी। राष्ट्रपति मुर्मु इससे पहले असम के तेजपुर एयरफोर्स स्टेशन से सुखोई-30 एमकेआई फाइटर विमान में उड़ान बहर चुकी हैं। राष्ट्रपति मुर्मु सुबह हरियाणा के अंबाला एयर फोर्स स्टेशन पहुंचीं, जहां एयर चीफ मार्शल एपी सिंह सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे। तीनों सेनाओं की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति को यहां पहुंचने पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद वह राफेल विमान में सवार हुईं और अंबाला के आसमान में उड़ान भरीं। राष्ट्रपति को आसमान में ले जाने वाले विमान के पायलट ग्रुप कैप्टन अमित गेहानी थे, जो भारतीय वायु सेना की नंबर 17 स्क्वाड्रन 'गोल्डन एयरो' के कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) भी हैं। इससे पहले 8 अप्रैल, 2023 को राष्ट्रपति मुर्मु असम के तेजपुर एयर फोर्स स्टेशन से सुखोई-30 एमकेआई फाइटर विमान में उड़ान भरी थीं। इसके साथ ही वह फाइटर जेट में उड़ान भरने वाली तीसरी राष्ट्रपति और दूसरी महिला राष्ट्राध्यक्ष बन गयी हैं। उनसे पहले पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल ने भी सुखोई-30 एमकेआई फाइटर विमान में उड़ानें भरी थीं। राष्ट्रपति के साथ ही भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने भी एक अन्य विमान में उड़ान भरकर अपनी फ्लाइंग क्षमता का प्रदर्शन किया। फ्रांसीसी एयरोस्पेस प्रमुख डसॉल्ट एविएशन में निर्मित राफेल फाइटर जेट को औपचारिक रूप से सितंबर, 2020 में अंबाला एयर फोर्स स्टेशन पर भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया था। फ्रांस से 27 जुलाई, 2020 को आए पहले पांच राफेल विमानों को 17 स्क्वाड्रन, 'गोल्डन एरोज' में शामिल किया गया था। यह जेट वायु सेना की ताकत का एक अहम हिस्सा है। राफेल जेट का इस्तेमाल ऑपरेशन सिंदूर में किया गया था, जिसने 7 मई को पाकिस्तान नियंत्रित क्षेत्रों में कई आतंकी बुनियादी ढांचों को नष्ट करके अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया था।-
