कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क ।दिल्ली की सियासत में एक बार फिर गर्मी बढ़ गई है, जब भा.ज.पा. के नेता रमेश बिधूड़ी द्वारा की गई विवादित टिप्पणी ने राजनीतिक माहौल को और ज्यादा गर्म कर दिया। बिधूड़ी ने प्रियंका गांधी और आतिशी को लेकर विवादास्पद बयान दिए थे, जिसके बाद कांग्रेस और आप (AAP) दोनों पार्टियों ने जमकर पलटवार किया। इस विवाद ने दिल्ली की राजनीति को एक नई दिशा में मोड़ दिया है, जहां दोनों प्रमुख दल एक दूसरे पर तीखे आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं।
रमेश बिधूड़ी की विवादित टिप्पणी:
भा.ज.पा. नेता रमेश बिधूड़ी ने प्रियंका गांधी और दिल्ली की आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी पर व्यक्तिगत हमले करते हुए बयान दिए। उन्होंने प्रियंका गांधी के परिवार और उनके राजनीतिक करियर को लेकर अनावश्यक टिप्पणियां की, साथ ही आतिशी के बारे में भी विवादित और आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। यह बयान सोशल मीडिया और राजनीतिक मंचों पर तीखी प्रतिक्रियाओं का कारण बन गए।
प्रियंका गांधी और आतिशी का जवाब:
रमेश बिधूड़ी की इस टिप्पणी के जवाब में प्रियंका गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे “नारी अपमान” और घिनौनी राजनीति करार दिया। प्रियंका ने कहा कि उनके खिलाफ इस प्रकार के बयान उस मानसिकता का परिणाम हैं, जो महिलाओं के प्रति सम्मान और समानता को नकारती है। उन्होंने कहा कि वह ऐसे बयानबाजी से डरने वाली नहीं हैं और उनका राजनीतिक उद्देश्य अपने काम और विचारधारा के जरिए जनता तक पहुंचाना है।
वहीं, आतिशी ने भी बिधूड़ी के बयान को महिलाओं का अपमान बताते हुए कड़ी निंदा की। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता महिलाओं को अपमानित करने की पुरानी राजनीति में जुटे हुए हैं और इसका उद्देश्य उनकी कामकाजी छवि और राजनीतिक संघर्ष को कमजोर करना है। आतिशी ने यह भी कहा कि इस तरह के बयान बीजेपी की असली मानसिकता को दर्शाते हैं, और वह कभी भी इस प्रकार की बातों से डरने वाली नहीं हैं।
कांग्रेस और AAP का मोर्चा:
इस विवाद ने दोनों प्रमुख दलों को एक मंच पर ला खड़ा किया है। कांग्रेस और आप दोनों ने इस मुद्दे को भाजपा के खिलाफ एक अवसर के रूप में लिया है और दोनों पार्टियों ने जमकर पलटवार किया। कांग्रेस ने रमेश बिधूड़ी के बयान को लेकर भाजपा पर हमला बोला और कहा कि यह बयान भाजपा की महिला विरोधी राजनीति को उजागर करता है। कांग्रेस के नेताओं ने बिधूड़ी के बयान को न केवल गलत बल्कि अविवेकपूर्ण और असभ्य करार दिया।
वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी भाजपा को निशाने पर लिया और कहा कि भाजपा महिला नेताओं को सम्मान देने के बजाय उनका अपमान करने में जुटी हुई है। AAP के नेताओं ने इस बयान को एक तरह से नफरत फैलाने और महिलाओं के खिलाफ द्वेष का प्रतीक बताया। पार्टी ने भाजपा से अपील की कि वह इस तरह की टिप्पणियों को लेकर स्पष्ट स्थिति स्पष्ट करें और ऐसे बयान देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
राजनीतिक पृष्ठभूमि:
यह विवाद दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले एक महत्वपूर्ण मोड़ पर आया है। दिल्ली में 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को आम आदमी पार्टी (AAP) के हाथों हार का सामना करना पड़ा था, और अब फिर से चुनावी मैदान में उतरते हुए भाजपा ने इस प्रकार की बयानबाजी को आक्रामक रणनीति के रूप में अपनाया है। कांग्रेस और AAP दोनों ने भाजपा के इस कदम को सत्ता की खोई हुई प्रतिष्ठा को पुनः हासिल करने की कोशिश के तौर पर देखा।
रमेश बिधूड़ी द्वारा की गई विवादित टिप्पणी ने दिल्ली की सियासत को एक बार फिर गरमा दिया है। जहां कांग्रेस और AAP ने भाजपा पर महिला विरोधी राजनीति करने का आरोप लगाया, वहीं भाजपा ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देने से बचते हुए अपनी तरफ से कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया। यह विवाद अब केवल एक बयान तक सीमित नहीं रहा, बल्कि दिल्ली की आगामी चुनावी रणनीतियों और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण चर्चाओं का हिस्सा बन गया है। भाजपा के लिए यह राजनीतिक मुद्दा आने वाले दिनों में एक बड़ा सवाल बन सकता है, जबकि कांग्रेस और AAP इस पर अपने-अपने फायदे की संभावना देख रहे हैं।