कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
एनसीआर के उत्तर प्रदेश वाले हिस्से में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक व्यापक और परिणामकारी कार्य योजना तैयार की है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सड़क की धूल को प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण मानते हुए एक्शन प्लान तैयार किया गया है। मुख्य रूप एक्शन प्लान, सड़क खंडों के पुनर्विकास, धूल नियंत्रण और साफ-सफाई को बेहतर बनाने पर केंद्रित हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस विस्तृत अभियान के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रमुख सचिव को मुख्य नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। राज्य स्तर पर एक परियोजना निगरानी इकाई (पीएमयू) भी बनाई गई है। इसकी अध्यक्षता इसी विभाग के सचिव करेंगे। इस इकाई में शहरी विकास, लोक निर्माण, आवास एवं शहरी नियोजन तथा औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास विभाग के वरिष्ठ प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है ताकि योजना का सुचारू क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके। नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सड़क धूल कम करने के लिए एंटी–स्मॉग गन, स्प्रिंकलर और यांत्रिक सफाई से जुड़े अन्य उपाय भी अपना रहे हैं। यह कार्य योजना एनसीआर-यूपी में वायु गुणवत्ता सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है जिससे शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लाखों लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि यूपी-एनसीआर में आम नागरिक को प्रदूषण से राहत प्रदान करने के लिए जिला प्रशासन की और परिवहन विभाग की ओर से ऑटो रिक्शा पर पाबंदी लगाई जा रही है। गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में डीजल ऑटो रिक्शा का संचालन पूरी तरह बंद कर किया जाएगा। इसके अलावा जनपद बागपत में डीजल ऑटो रिक्शा का संचालन 31 दिसंबर तक पूरी तरह बंद करने का निर्णय लिया गया है। मेरठ क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण ने प्रतिबंधित वाहनों के लिए नए परमिट जारी करने और परमिट के नवीनीकरण पर रोक लगा दी है। 31 दिसंबर, 2026 तक मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर और शामली जिलों में भी आटो रिक्शा संचालन को चरणबद्ध तरीके बंद किया जाएगा।
