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खांसी की दवाओं पर नजर : कुछ राज्यों में बच्चों की मौत के बाद बंगाल सरकार ने बढ़ाई निगरानी

कोलकाता
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kritika pandey
  • Updated: October 16, 2025

कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।

पश्चिम बंगाल औषधि नियंत्रण निदेशालय ने राज्य में खांसी की सिरप बेचने और विपणन करने वाली कंपनियों पर निगरानी और सख्ती बढ़ा दी है। इस संबंध में एक निर्देश और दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। यह कदम हाल ही में ‘कोल्डरिफ’ खांसी सिरप पर लगे प्रतिबंध के बाद उठाया गया है। इस सिरप पर पहले मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत के मामलों के चलते रोक लगाई गई थी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि राज्य सरकार ने इस आदेश को एक “सावधानीपूर्ण उपाय” बताया है ताकि किसी भी तरह की जनहानि को रोका जा सके। नए नियमों के अनुसार, कोई भी विक्रेता बिना निर्माता कंपनी के साथ लिखित समझौते के किसी अन्य कंपनी द्वारा निर्मित दवा को अपने नाम से बेच या वितरित नहीं कर सकेगा। दिशानिर्देशों के सेक्शन 84डी के तहत यह अनिवार्य किया गया है। वहीं सेक्शन 84ई के अनुसार, दवा विपणन कंपनी को उत्पाद की गुणवत्ता और नियामक जिम्मेदारियों में निर्माता के साथ समान रूप से उत्तरदायी माना जाएगा। दिशानिर्देशों के मुताबिक, राज्य में कार्यरत सभी खांसी सिरप विपणन कंपनियों को, जिनके उत्पाद पश्चिम बंगाल के बाहर निर्मित हो रहे हैं, अगले 15 दिनों के भीतर निर्माता के साथ हुए समझौते की प्रति राज्य औषधि नियंत्रण निदेशालय के लाइसेंसिंग प्राधिकरण को सौंपनी होगी। समझौते की प्रति निदेशालय के ईमेल पते tellddcwb@gmail.com पर भी भेजी जानी है, जिसे निदेशालय द्वारा जांचा जाएगा इसके अलावा कंपनियों को ‘ड्रग अलर्ट’ पोर्टल को नियमित रूप से फॉलो करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि वे दवाओं की सुरक्षा और गुणवत्ता से संबंधित नए अपडेट और चेतावनियों से अवगत रहें। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इस कदम का उद्देश्य बाजार में घटिया या अनधिकृत खांसी सिरप की बिक्री को रोकना और उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। कुछ दिन पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इस संबंध में दिशानिर्देश जारी किए थे।

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