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जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले कांग्रेस ने स्लैब कम करने की मांग की

नई दिल्ली
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kritika pandey
  • Updated: August 30, 2025

कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लाल किले की प्राचीर से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में सुधार की घोषणा के बाद और आगामी 3-4 सितंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले कांग्रेस ने जीएसटी स्लैब की संख्या घटाने की मांग की है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शनिवार को एक्स पोस्ट में कहा कि जीएसटी स्लैब की संख्या चार से घटाकर दो की जानी चाहिए और एमएसएमई सेक्टर के लिए प्रक्रियाओं को आसान बनाया जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि विपक्ष शासित आठ राज्य कर्नाटक, केरल, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, झारखंड ने बड़े पैमाने पर उपभोग की वस्तुओं के लिए जीएसटी दरों में कटौती और स्लैब की संख्या कम करने के प्रस्ताव का समर्थन किया है।उन्होंने कहा कि इन आठ राज्यों ने जीएसटी दरों में कटौती और स्लैब की संख्या घटाने के प्रस्ताव का समर्थन के साथ कुछ मांगें भी रखी हैं। पहली मांग यह है कि एक ऐसी व्यवस्था बनाई जाए जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि टैक्स दरों में कटौती का सीधा लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचे। दूसरी मांग है कि राज्यों को आगामी पांच वर्षों तक मुआवजा दिया जाए, जिसमें 2024-25 को आधार वर्ष माना जाए, क्योंकि टैक्स कटौती से राज्यों की आमदनी पर असर पड़ सकता है। तीसरी मांग यह है कि लग्जरी और सिन गुड्स (वे उत्पाद जिनका उपयोग आमतौर पर स्वास्थ्य, समाज या नैतिक मूल्यों के लिहाज से हानिकारक माना जाता है) पर 40 फीसदी से अधिक अतिरिक्त टैक्स लगाया जाए और उससे होने वाली पूरी आय राज्यों को दी जाए। वर्तमान में केंद्र सरकार ऐसे उपकरों से जो आय प्राप्त करती है, वह राज्यों के साथ साझा नहीं होती।कांग्रेस महासचिव रमेश ने कहा कि इन सुझावों को केंद्रीय वित्त मंत्रालय के राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान द्वारा प्रकाशित शोध-पत्रों का भी समर्थन प्राप्त है। वह लंबे समय से एक बेहतर, सरल और पारदर्शी जीएसटी व्यवस्था की मांग कर रहे हैं जिसे ‘जीएसटी 2.0’ कहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की मांग है कि जीएसटी परिषद की आगामी बैठक केवल औपचारिकता न हो, बल्कि सभी राज्यों के हितों की रक्षा हो।

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