कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
दिल्ली सरकार पुराने वाहनों की उम्र तय करने के लिए अब फिटनेस आधारित मॉडल अपनाने जा रही है। इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए सरकार नंद नगरी में एक नए ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर का शिलान्यास करने जा रही है, जिसकी क्षमता सालाना 72,000 वाहनों की जांच करने की होगी। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता इस सेंटर का शिलान्यास गुरुवार को करेंगी।सरकार की योजना राजधानी में कुल नौ ऐसे सेंटर स्थापित करने की है, जिनमें वाहनों की जांच बिना मानवीय हस्तक्षेप के की जाएगी। वर्तमान में दिल्ली में केवल झुलझ़ुली में एक ही ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर है। जल्द ही बुराड़ी, तेहखंड और अन्य डिपो क्षेत्रों में भी ऐसे सेंटर तैयार किए जाएंगे।सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अभी दिल्ली में डीजल वाहनों की उम्र सीमा 10 साल और पेट्रोल वाहनों की 15 साल है। लेकिन अब दिल्ली सरकार विशेषज्ञों की उस सलाह पर विचार कर रही है जिसमें फिटनेस के आधार पर वाहन की उम्र तय करने की बात कही गई है। यह सभी सेंटर दिसंबर तक तैयार कर लिए जाएंगे और इनकी स्थापना दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (DTC) द्वारा की जाएगी। सरकार का लक्ष्य है कि फिटनेस आधारित मॉडल को लागू कर सुप्रीम कोर्ट में यह दलील दी जा सके कि राजधानी में पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं। अब तक परिवहन विभाग ने 61 लाख से अधिक पुराने वाहनों का पंजीकरण रद्द कर दिया है। लेकिन नई व्यवस्था लागू होने पर दिल्ली में पुराने वाहनों को राहत मिल सकती है यदि वे फिटनेस मानकों पर खरे उतरते हैं।